टी शर्ट

आईआईटी दिल्ली ने दो स्टार्टअप्स के साथ तैयार की कोरोना से बचाव की टी शर्ट

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The antiviral kit, unveiled by Prof V. Ramgopal Rao, Director, IIT Delhi

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। आईआईटी दिल्ली ने दो स्टार्टअप्स ई-टीईएक्स (E-TEX ) और क्लेन्स्टा (Clensta)  के साथ कोरोना से बचाव के लिए एक एंटीवायरल ‘कवच’ टी-शर्ट, मास्क , प्रोटेक्शन लोशन और हैंड सैनेटाइजर बनाया है।

इस टी शर्ट को पहनने से कोरोनावायरस से बचा जा सकेगा। टी शर्ट को तैयार करने के लिए एंटीवायरस ट्रीटेड फेब्रिक का उपयोग किया गया है। इस टी शर्ट के पहनने से कोरोना वारयरस से बचाव होने की बात कही जा रही है।

यह  टी शर्ट ‘कवच’ नाम के उस किट के साथ है जिसमें प्रोटेक्शन लोशन, मास्क, और हैंड सैनेटाइजर भी है।

यह कवच एंटीवायरल  टी शर्ट ( KAWACH ANTIVIRAL T-SHIRT) ऐसे  कपड़े से तैयार की गई है जिसके 30 बार धुलने के बाद भी प्रभावी रहेगी यानी कोरोना वायरस से बचाने में मदद करेगी।

टी शर्ट इमेज www.etex.in से साभार

कोरोना के इस चुनौतीपूर्ण समय में लोगों को सुरक्षा कवच प्रदान करने की महत्वाकांक्षा के साथ, आईआईटी दिल्ली ने दो स्टार्टअप्स ई-टीईएक्स (E-TEX ) और क्लेन्स्टा (Clensta)  के साथ आम लोगों के लिए किफायती मूल्य पर एक पूर्ण एंटीवायरल सुरक्षा किट बनाया है।

आईआईटी दिल्ली के रासायनिक और कपड़ा विभागों के विशेषज्ञों द्वारा उत्पादों को उपयोग के लिए सही बताया है।

एंटीवायरल किट को दिल्ली आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने लांच किया है। इसमें एक क्लेन्स्टा प्रोटेक्शन लोशन और हैंड सैनिटाइजर शामिल हैं। इसके साथ ही ई-टीईएक्स द्वारा तैयार कवच एंटीवायरल टी-शर्ट और कवच मास्क।

कवच किट को लॉन्च करते हुए, प्रोफेसर राव ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के लिए यह गर्व की बात है कि इस महामारी के समय स्वदेशी प्रौद्योगिकियों द्वारा आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध हो रहे है।

ई-टीईएक्स (E-TEX ) कवच एंटीवायरल गारमेंट: एंटीवायरल फैब्रिक को उन्नत तकनीक का उपयोग करके डिजाइन किया गया है। यह रोगाणुओं ( वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ 95 % प्रभावी एएटीसीसी 100 मानक) को कहीं से भी आ धमकने से रोकता है और फैब्रिक के संपर्क में आने पर सूक्ष्म बैक्टीरिया को नष्ट करके दूषित होने की संभावना और गति को कम करता है।

परिधान की रोगाणुरोधी प्रोपर्टी (क्षमता)  स्थिति में 30 बार धुलाई के बाद भी प्रभावी रहती है। इसके कपड़े की फिनिशिंग सेल्यूलोसिक फाइबर पर किया जाता है, जो मानव के साथ संपर्क और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित है।

आईटी दिल्ली के टेक्सटाइल एंड फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर बिपिन कुमार ने कहा, कोविड-19 महामारी में विभिन्न प्रकार के एंटी-वायरल और माइक्रोबियल परिधानों की सर्वकालिक मांग रहेगी।

स्थानीय संसाधनों के माध्यम से एंटीवायरल और रोगाणुरोधी जैव वस्त्र विकसित करना वायरल के खतरों को निष्क्रिय कर सकता है। इससे वायरस के प्रसार को कुशलता से रोका या धीमा किया जा सकता है। इसके अलावा आम जन के लिए विभिन्न प्रकार के परिधान बनाने वालों के लिए एंटीवायरल कपड़ा स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।