अहमदाबाद,31 अक्टूबर। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के माहौल में, दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है।
उन्होंने कहा कि शांति-भाईचारा और परस्पर आदर का भाव ही मानवता की सच्ची पहचान है। फ्रांस में हुई घटना का बिना नाम लिए कहा कि आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता।
पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है।
गौर करें कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान के एक मंत्री ने संसद में दावा किया था कि पुलवामा हमला पाकिस्तान ने कराया था।
प्रधानमंत्री ने आज सुबह केवडिया गुजरात में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी में एकता दिवस परेड को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था, तो मन में एक और तस्वीर थी। ये तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे, वो पुलवामा हमले में अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे।
मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है। पिछले वर्ष पुलवामा आतंकवादी हमले में अर्द्धसैनिक बलों के 40 जवानों की मौत हुई थी।
मोदी ने विपक्ष की राजनीति की विवेचना करते हुए कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि, देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।
मोदी ने कहा कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी।
प्रगति के इन प्रयासों के बीच, कई ऐसी चुनौतियां भी हैं जिसका सामना आज भारत, और पूरा विश्व कर रहा है। बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है: PM
उन्होंने कहा कि आज सरदार सरोवर से साबरमती रिवर फ्रंट तक सी-प्लेन सेवा का भी शुभारंभ होने जा रहा है। सरदार साहब के दर्शन के लिए, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए देशवासियों को अब सी-प्लेन सर्विस का भी विकल्प मिलेगा। ये सारे प्रयास इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बहुत ज्यादा बढ़ाने वाले हैं।
ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है। आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है। आज का भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है।
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