आत्महत्या की रोकथाम के लिये पहले से ज़्यादा ध्यान देना अहम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मौजूदा हालात की गम्भीरता के मद्देनज़र, गुरुवार को नए दिशानिर्देश जारी किये हैं ताकि वर्ष 2030 तक आत्महत्या की वैश्विक दर में एक तिहाई की कमी के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.
वर्ष 2019 में, सात लाख लोगों से अधिक लोगों की मौत आत्महत्या (suicide) की वजह से हुई.
आत्महत्या की रोकथाम के लिये पहले से कहीं ज़्यादा ध्यान देना अहम है. कोविड-19 महामारी के साथ अनेक महीनों तक रहना, और आत्महत्या के जोखिम के लिये बहुत सी वजहें – रोज़गार ख़त्म होना, वित्तीय दबाव और सामाजिक अलगाव – अब भी मौजूद हैं.
प्रतीकात्मक फोटो
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि यूएन एजेंसी द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों में, आत्महत्या की रोकथाम के लिये उपायों का दायरा बढ़ाने का स्पष्ट रास्ता पेश किया गया है.
बताया गया है कि 15-29 वर्ष आयु वर्ग में होने वाली मौतों की प्रमुख वजहों में, सड़क दुर्घटना, टीबी और आपसी सम्बन्धों में हिंसा के बाद आत्महत्या का स्थान है.
विभिन्न देशों, क्षेत्रों और महिलाओं व पुरुषों के बीच, आत्महत्या की दर में भिन्नताएँ हैं. आत्महत्या के कारण महिलाओं की तुलना में, पुरुष दोगुनी संख्या में आत्महत्या करते हैं.
प्रति एक लाख पुरुषों में 12.6 पुरुषों की मौत के लिये आत्महत्या ज़िम्मेदार है, जबकि प्रति लाख महिलाओं के लिये यह आँकड़ा 5.4 है. उच्च-आय वाले देशों में पुरुषों में आत्महत्या की दर औसतन अधिक है जबकि महिलाओं में यह दर निम्नतर-मध्य आय वाले देशों में सबसे ज़्यादा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अफ़्रीकी क्षेत्र में आत्महत्या की दर सबसे अधिक (11.2 प्रति एक लाख आबादी) है जिसके बाद योरोपीय क्षेत्र (10.5 प्रति एक लाख आबादी) और दक्षिण-पूर्व एशिया (10.2 प्रति एक लाख आबादी) का स्थान है.
इन सभी क्षेत्रों में आत्महत्या की दर, वैश्विक औसत (9 प्रति लाख आबादी) से अधिक है.
नए आँकड़ों के मुताबिक पिछले दो दशक (2000 से 2019 के मध्य) के दौरान आत्महत्या की दर में गिरावट दर्ज की गई है – वैश्विक दर में 36 प्रतिशत की कमी आई है.
पूर्वी भूमध्यसागर में 17 प्रतिशत, योरोपीय क्षेत्र में 47 प्रतिशत और पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र में 49 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, मगर अमेरिकी क्षेत्र में इसी अवधि में यह आँकड़ा 17 फ़ीसदी बढ़ा है.
नए दिशानिर्देश
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने मौजूदा हालात की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए, आत्महत्या की रोकथाम व ज़रूरी देखभाल में देशों की मदद के लिये नए परामर्श जारी किये हैं.
इसके ज़रिये, जीवन जीने (LIVE LIFE) की भावना को अपनाने व मज़बूती प्रदान करने का प्रयास किया रहा है. इसके तहत चार अहम रणनीतियों को ध्यान में रखा गया है:
– बेहद ख़तरनाक कीटनाशकों, शस्त्रों सहित आत्महत्या के अन्य ज़रियों की सुलभता को सीमित करना
– आत्महत्या की ज़िम्मेदार ढँग से कवरेज के लिये मीडिया को जागरूक बनाना
– किशोरों में सामाजिक-भावनात्मक जीवन कौशल विकसित करने के लिये प्रोत्साहन देना
– आत्मघाती विचारों व व्यवहारों से प्रभावित व्यक्ति की समय रहते शिनाख़्त करना और ज़रूरी सहायता की उपलब्धता सुनिश्चित करना