रायपुर, 18 जनवरी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि तेल और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों की बचत और उनके संरक्षण के लिए जन-जागरण बहुत जरूरी है। डॉ. सिंह आज यहां नवीन विश्राम भवन के सभाकक्ष में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम द्वारा आयोजित तेल और गैस संरक्षण पखवाड़े के कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें यह संकल्प लेने की जरूरत है कि जब आवश्यक हो, तभी हम पेट्रोल-डीजल, एलपीजी गैस और बिजली का उपयोग करें। इनका कम उपयोग होने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए हमें लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा संयुक्त रूप से इस पखवाड़े का आयोजन 16 से 31 जनवरी तक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी लोगों को तेल और गैस संरक्षण की शपथ दिलायी। उन्होंने इसका संदेश देने के लिए स्कूली बच्चों और नागरिकों के साथ रंग-बिरंगें गुब्बारे भी छोड़े। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष पुरन्दर मिश्रा विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के 18 गांवों को धुंआ मुक्त गांव के रूप में विकसित करने की शुरूआत तेल एवं गैस कम्पनियों के सहयोग से की जा रही है। इन गांवों में तेल कम्पनियां हर घर में ईधन गैस (एपीजी) कनेक्शन देने और उन्हें एलपीजी गैस की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी। स्वच्छ ईधन के उपयोग से गांवों में चूल्हों में लकड़ी और गोबर से कन्डे के उपयोग से होने वाले धूंए से बचा जा सकेगा और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में अधिक से अधिक गांवों को धूंआ रहित गांव बनाने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में जरूरत का मात्र बीस प्रतिशत पेट्रोल और डीजल का उत्पादन होता है। जरूरत का अस्सी प्रतिशत पेट्रोल और डीजल आयात करना पड़ता है, जिस पर बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च होती है। इनकी बचत से विदेशी मुद्रा बचायी जा सकती है।
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