कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 3 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों को आतंकवादियों द्वारा “लक्षित हत्याओं” के बीच घाटी में लौटने के लिए मजबूर नहीं करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने पत्र में लिखा, प्रधानमंत्री जी, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मिलकर अपने दुखद हालात बताए।
कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को बिना सुरक्षा गारंटी घाटी में जाने के लिए विवश करना निर्दयी कदम है।
आशा है, आप इस विषय में उचित कदम उठाएंगे।
पत्र का पूरा मजमून इसप्रकार है :
“आशा है आप सकुशल होंगे। इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान कश्मीर घाटी से विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय की पीड़ा की ओर खींचना चाहता हूँ। आतंकियों द्वारा हाल में कश्मीरी पंडितों व अन्य लोगों की लगातार टारगेटेड हत्याओं ने घाटी में डर और निराशा का माहौल बना दिया है।
प्रधानमंत्री जी, पूरे भारत को प्रेम और एकता के सूत्र में पिरोने के लिए जारी भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू पड़ाव में कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी समस्याओं को लेकर मुझसे मिला। उन्होंने बताया कि सरकार के अधिकारी उन्हें कश्मीर घाटी वापस काम पर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
इन हालातों में सुरक्षा और सलामती की पक्की गारंटी के बिना उन्हें घाटी में काम पर जाने के लिए मजबूर करना एक निर्दयी कदम है। हालात के सुधरने और सामान्य होने तक सरकार इन कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अन्य प्रशासकीय व जनसुविधा के कार्यों में सेवाएँ ले सकती है।
अपनी सुरक्षा और परिवार की चिंताओं को लेकर गुहार लगा रहे कश्मीरी पंडितों को आज जब सरकार से हमदर्दी और अपनेपन की उम्मीद है तब उप-राज्यपाल जी द्वारा उनके लिए “भिखारी” जैसे शब्दों का प्रयोग गैर- ज़िम्मेदाराना है। प्रधानमंत्री जी, शायद आप स्थानीय प्रशासन की इस असंवेदनशील शैली से परिचित न हों।
मैंने कश्मीरी पंडित भाइयों-बहनों को भरोसा दिया है कि उनकी चिंताओं व माँगों को आप तक पहुँचाने का पूरा प्रयास करूँगा । मुझे उम्मीद है कि यह सूचना मिलते ही आप इस बारे में उचित कदम उठाएँगे ।
माता खीर भवानी की कृपा आप पर बनी रहे ।”