किसान नेताओं और सरकार के बीच बात फिर नहीं बनी। आंदोलनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है।
अब सरकार किसानों के बीच 15 जनवरी को बातचीत होगी।
आज किसान आंदोलन का 44 वा दिन है और उसके खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले वह पूरे देश को ध्यान में रख कर लेंगे।
इस महीने की 4 तारीख को हुई पिछली बैठक मेंए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार चाहती है कि किसान संघों को तीनों कृषि कानूनों पर खंड.वार चर्चा करनी चाहिएए लेकिन कानूनों को पहले वापिस लेने की मांग कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता बलवीर सिंह का कहना था कि सरकार को कृषि क्षेत्र में इस तरह दखल नहीं देना चाहिए।
किसान नेताओं और सरकार के बीच आज 8वें दौर की बातचीत फिर खत्म हो गई। इस बातचीत में 40 किसान नेताओं ने भाग लिया। एक किसान नेता ने पंजाबी में साफ-साफ लिखा था हम मरेंगे या जीतेंगे ।
इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी शामिल हुए।
आंदोलनकारी किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है।
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