लोकसभा में राष्ट्रपति के संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता, लेकिन चुनौतियों से ज्यादा सामर्थ्यवान है देशवासियों का जज्बा।
उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम देशों व हमारे पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं,
ऐसे समय में कौन हिंदुस्तानी गौरव नहीं करेगा कि उनका देश दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है।
राहुल गाँधी का बिना नाम लिए मोदी ने कहा कि कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक…उछल रहे थे और खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात!
ऐसे लोगों के लिए बहुत अच्छे ढंग से कहा गया है…
‘ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं…’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दौरान कांग्रेस ने कहा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भारत की बर्बादी पर पढ़ाई की जाएगी। आज मैं सदन को बताना चाहूंगा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा अध्ययन किया गया है और विषय है ‘भारत की कांग्रेस पार्टी का उदय और पतन’।
मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति ने देश के सामर्थ्यों को गहरा झटका पहुंचाया है। लंबे समय तक मध्यम वर्ग को पूरी तरह नकार दिया गया था, लेकिन NDA की सरकार ने मध्यम वर्ग को सुरक्षा प्रदान की है। आज हमारा परिश्रमी मध्यम वर्ग देश को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है।
उन्होंने कहाकि मोदी पर देश का भरोसा अखबार की सुर्ख़ियों और टीवी पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है। जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है। देश के लिए खपा दिया है… देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए खपा दिया है।
आलोचकों को खरी खरी सुनते हुए मोदी ने लोकसभा में कहा देशवासियों का जो मोदी पर भरोसा है वो इनकी समझ से बाहर है और इनकी समझ से ऊपर की बात है।
UPA ने हर मौके को मुसीबत में पलट दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब Tech और Information का युग तेजी से बढ़ रहा थो तो ये 2G में फंसे रहे। Civil Nuclear Deal की चर्चा थी तो ये Cash for Vote में फंसे रहे। Commonwealth Games हुए तो CWG घोटाले में पूरा देश बदनाम हो गया।
कवि दुष्यंत कुमार की कविता का उद्धरण देते हुए पीएम ने कहा —
तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं,
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं…
मोदी ने कहा कि एक समय था जब जम्मू कश्मीर में तिरंगा फहराने पर आतंकी धमकी देते थे। अब ‘हर घर तिरंगा’ हो रहा है और तिरंगे से शांति भंग होने वाले लोग भी तिरंगा यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री बोले “लोकतंत्र के लिए आलोचना आवश्यक है; यह लोकतंत्र को मजबूत बनाती है, लोकतंत्र को कायाकल्प और चैतन्य बनाती है। लेकिन दुर्भाग्य से, इन सभी 9 वर्षों में, विपक्ष ने ‘रचनात्मक आलोचना’ की जगह ‘लागत आलोचना’ को गले लगाया है।”
आलोचकों को दो टूक सुनते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने माँ बहनों के दुख की बात कही तो लोगो ने मजाक बना दिया। माँ सशक्त होती है तो परिवार सशक्त होता है और बदले में समाज और देश। मुझे खुशी है कि हमारी सरकार माता बहनों की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में हर क्षेत्र में, हर सोच में आशा ही आशा नजर आ रही है। सपने और संकल्प लेकर चलने वाला देश है। लेकिन कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हुए हैं कि क्या कहें…
काका हाथरसी ने कहा था-
आगा-पीछा देख कर, क्यों होते गमगीन
जैसी जिसकी भावना वैसा दीखे सीन…