चौरी चौरा शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जिस सामूहिक ताकत ने गुलामी की जंजारों को तोड़ दिया, वहीं ताकत भारत को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति भी बनाएगी।
चौरी चौरा घटना के आज 100 साल पूरे हो गए है। सामूहिकता की यही शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का आधार है। यह घटना स्वतंत्रता के लिए देश की लड़ाई की एक ऐतिहासिक घटना है।
चौरी चौरा के शताब्दी समारोह को समर्पित एक डाक टिकट भी प्रधानमंत्री ने जारी किया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मोदी ने आज 4 फरवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में ‘चौरी चौरा’ शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि चौरी-चौरा में दिए गए बलिदान ने देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा प्रदान की।
उन्होंने कहा कि चौरी चौरा में सौ साल पहले हुई यह घटना केवल आगजनी की घटना नहीं थी बल्कि चौरी चौरा का संदेश बहुत व्यापक था। यह आगजनी की घटना किन परिस्थितियों में हुई और इसके पीछे क्या कारण थे, ये सब समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि अब हमारे देश के इतिहास में चौरी चौरा के ऐतिहासिक संघर्ष को उचित महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चौरी-चौरा के साथ-साथ हर गांव पूरे वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में इस घटना के वीर बलिदानियों को याद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह समारोह ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब देश अपने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इससे यह आयोजन और भी प्रासंगिक हो जाएगा।
उन्होंने चौरी-चौरा के शहीदों के बारे में चर्चा कम होने के बारे में खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस घटना के शहीदों का भले ही इतिहास के पन्नों में प्रमुखता से उल्लेख न हुआ हों, लेकिन उनका खून निश्चित रूप से स्वतंत्रता की लड़ाई में देश की मिट्टी में जरूर मिला है।
प्रधानमंत्री ने लोगों से बाबा राघवदास और महामना मदन मोहन मालवीय के प्रयासों को स्मरण करने का अनुरोध किया, जिनके कारण इस विशेष दिन लगभग 150 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर चढ़ने से बचा लिया गया था।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि इस अभियान में छात्र भी शामिल थे, जिससे स्वतंत्रता संग्राम के कई अनकहे पहलुओं के बारे में उनकी जागरूकता में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने स्वतंत्रता संग्राम के 75 वर्ष पूरे होने पर स्वतंत्रता संग्राम के अज्ञात बलिदानियों के बारे में एक किताब लिखने के लिए युवा लेखकों को आमंत्रित किया है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के रूप में स्थानीय कला और संस्कृति से जुड़ने का यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की प्रधानमंत्री ने सराहना की।
उन्होंने कहा कि कोरोना की इस अवधि के दौरान भारत ने 150 से अधिक देशों के नागरिकों की मदद के लिए आवश्यक दवाइयां भेजी हैं। भारत मानव जीवन को बचाने के लिए अनेक देशों को वैकसीन दे रहा है, ताकि हमारे स्वतंत्रता सेनानी इस बात पर गर्व कर सकें।
हाल के बजट के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के प्रयासों को एक नया बल प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि बजट ने अनेक विशेषज्ञों की इन आशंकाओं को झुठलाया है कि आम नागरिकों पर नए करों का बोझ पड़ेगा। सरकार ने देश के तीव्र विकास के लिए अधिक राशि खर्च करने का निर्णय लिया है। यह खर्च सड़कों, पुलों, रेलवे लाइनों, नई ट्रेनों और बसों, बाजारों और मंडियों के साथ कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए होगा।
इस बजट ने हमारे युवाओं के लिए बेहतर शिक्षा और बेहतर अवसरों का मार्ग प्रशस्त किया है। इन गतिविधियों से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। इससे पहले बजट का मतलब कभी न पूरी होने वाली योजनाओं की घोषणा करना था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट को वोट-बैंक की गणनाओं के बही-खाते (बहीखाता) में बदल दिया गया था। अब देश ने नए पत्ते को पलट दिया है और अपने दृष्टिकोण में भी बदलाव किया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की इस महामारी से निपटने के बाद सार्वभौमिक प्रशंसा हुई है। आज देश गांवों और छोटे शहरों में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में भारी बजट बढ़ोतरी की गई है। जिला स्तर पर ही उन्नत परीक्षण सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है।
किसानों को राष्ट्रीय प्रगति का आधार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 6 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए किए गए प्रयासों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि महामारी की परेशानियों के बावजूद किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन अर्जित किया। बजट में किसानों के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। किसानों के लिए फसलों की बिक्री को आसान बनाने के लिए एक हजार मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण बुनियादी ढांचा निधि को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रूपये कर दिया गया है। इन उपायों से किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और कृषि लाभकारी होगी। स्वामित्व योजना से गांवों के लोगों को उनकी भूमि और आवासीय संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज उपलब्ध होंगे। उचित दस्तावेजों से उन्हें अपनी संपत्ति का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा और परिवारों को बैंक क्रेडिट से भी मदद मिलेगी तथा उनकी भूमि अतिक्रमणकारियों से भी सुरक्षित होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों से गोरखपुर को भी लाभ मिलेगा, जो मिलों के बंद होने, खराब सड़कों और बीमार अस्पतालों के कारण परेशान हो रहा था। अब एक स्थानीय उर्वरक कारखाना दोबारा शुरू किया गया है जिससे किसानों और युवाओं को लाभ मिलेगा।
शहर को एक एम्स अस्पताल मिल रहा है। मेडिकल कॉलेज हजारों बच्चों की जान बचा रहा है। देवरिया, कुशीनगर, बस्ती महाराजनगर और सिद्धार्थनगर में नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी में भी सुधार हो रहा है क्योंकि चार-लेन और छह लेन की सड़कों का निर्माण हो रहा है तथा गोरखपुर से 8 शहरों के लिए उड़ानें शुरू हो गई हैं। तैयार हो रहे कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी पर्यटन बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए यह बदलाव सभी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक श्रद्धांजलि है।
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