नई दिल्ली, 29 सितंबर। मध्य प्रदेश के जबलपुर हवाई अड्डे को विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से लैस किया जाएगा रहा है ताकि पर्यटकों और यात्रियों को अधिक सुविधाएँ मिल सके।
जबलपुर और उसके आसपास कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, नर्मदा नदी में संगमरमर की चट्टानें और झरने जैसे पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र है।
नगर विमानन मंत्रालय ने जानकारी दी है कि हवाई यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए जबलपुर हवाई अड्डे पर न्यू टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टॉवर और तकनीकी ब्लॉक, फायर स्टेशन श्रेणी तथ अन्य भवन और रनवे आदि से संबंधित कार्यों का विस्तार किया जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने 2015 में विकास कार्य के लिए 468.43 एकड़ जमीन एएआई को दी थी।
जबलपुर हवाई अड्डे की विकास परियोजना के अगले साल यानी दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाने तथा नए टर्मिनल भवन के मार्च, 2022 तक चालू होने की संभावना है।
विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से लैस नए टर्मिनल भवन में पीक ऑवर्स के दौरान 500 यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी। 1 लाख 15 हज़ार 180 वर्गफुट के क्षेत्र में फैले टर्मिनल भवन में तीन एयरोब्रिज, उन्नत सामान स्क्रीनिंग प्रणाली, परिदृश्य क्षेत्र में आधुनिक फूड कोर्ट और 250 से अधिक कारों और बसों के लिए अच्छी तरह से नियोजित कार पार्किंग की व्यवस्था होगी।
प्रस्तावित टर्मिनल भवन यात्रियों को जीवंत गोंड चित्रों, स्थानीय हस्तशिल्प, भित्ति चित्रों और मध्य प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की झलक दिखाएगा।
नया भवन ईको.फ्रेंडली टिकाऊ सामग्री के साथ बनाया जाएगा और सौर संयंत्र और ऊर्जा कुशल उपकरणों से सुसज्जित होगा।
एक कुशल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, बागवानी प्रयोजनों के लिए उपचारित जल का पुनः उपयोग और सस्टेनेबल अर्बन ड्रेनेज सिस्टम के साथ वर्षा जल संचयन प्रणाली हवाई अड्डे के उन्नयन परियोजना की कुछ अन्य विशेषताएं हैं।
नए टर्मिनल भवन के निर्माण के अलावा एयरबस 320 विमानों के संचालन के लिए 412 करोड़ रुपये की लागत से रनवे का विस्तार भी किया जाएगा।
सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ 32 मीटर ऊंचे न्यू एटीसी टॉवर और तकनीकी ब्लॉक का निर्माण, फायर स्टेशनऔर अन्य सहायक इमारतें आदि बनाई जाएंगी।
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