चावल पर सूक्ष्म लेखन करने में सिद्धहस्त कलाकार निरू छाबड़ा अपनी कला के माध्यम से “धरती का आवरण-ये सुन्दर पर्यावरण” अभियान के द्वारा लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया है। यह अभियान 25 जुलाई 2021 तक जारी रहेगा।
नीरू का कहना है कि प्राचीन युग के अनेक भीमकाय जीवों का लोप क्यों हो गया, और उस दृष्टि से क्या अनेक वर्तमान वन्य जीवों, प्राकृतिक स्त्रोतों, वनस्पतियों के लोप हो जाने की आशंका है? सम्पूर्ण विश्व आज अनेकानेक समस्याओं से जूझते हुए इन प्रश्नों के उत्तर खोज रहा है | यह सर्वविदित है कि बहुत हद तक मानव इन सबके लिए उत्तरदायी है |
निरू छाबड़ा को 2 जुलाई को सूक्ष्म लेखन करते हुए 36 वर्ष और वैवाहिक जीवन के 42 वर्ष होगए।
इस अवसर पर निरू ने इस अभियान के लिए चावलों पर “जल बचाओ, पृथ्वी बचाओ”, “पेड़ ऑक्सीजन हैं” जैसे सन्देश चावलों पर लिखे हैं और इन्हे अपनी चावलों से ही बनी कलाकृतियों में सजाया है |
निरू ये कलाकृतियाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भू.पू. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मुख्मंत्री राजस्थान, अशोक गहलोत को डाक द्वारा भेंट करेंगी |
24 दिन के इस अभियान में श्रीमती निरू देश की नामचीन हस्तियों और मनीषियों से विडियो कांफ्रेंस के द्वारा मिलेंगी और अपनी कलाकृतियाँ दिखाएंगी |
25 जुलाई को राजस्थान के 92 वर्षीय वरिष्ट पत्रकार प्रवीण चन्द्र छाबड़ा को उनके जन्मदिन पर “धरती का आवरण-ये सुन्दर पर्यावरण” कलाकृति भेंट कर इस अभियान को संपन्न करेंगी |
निरू देश में एक चावल पर ब्रश से 108 अक्षर लिखने व कलाकृतियाँ बनाने वाली पहली महिला कलाकार हैं |
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