छत्तीसगढ़ के जिला हॉस्पिटल बलौदाबाजार में डॉक्टरों की टीम ने एक्सचेंज ट्रांस फ्यूजन के माध्यम से 4 दिन के नवजात शिशु के पूरे रक्त को बदलकर नया जीवन दान दिया है।
बलौदाबाजार के कसडोल विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत तिल्दा निवासी प्रदीप कुमार मेहर की पत्नी गोमती बाई के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल में एक शिशु को जन्म दिया गया।
जन्म के समय नवजात शिशु का वजन 1 किलो 700 ग्राम था तथा उसे पीलिया से ग्रसित थी। स्थिती को देखतें हुए कसडोल से रिफ़र कर शिशु के माता पिता उसे जिला अस्पताल लाया।
यहां प्रारंभिक जाँच में बिलीरुबिन 12 एम जी प्रति डीसिलीटर पाया गया जो कि सामान्य से बहुत अधिक था।
शिशु को दिन भर फोटोथेरेपी मशीन में रखा गया किन्तु उसका बिलीरुबिन 23 एमजी प्रति डीसिलीटर तक पहुँच गया जिसका असर शिशु के दिमाग में भी होने लगा जिसे मेडिकल भाषा में बिलीरुबिन इनकैथिलो पैथी कहते हैं।
इस स्थिती में शिशु ने दूध पीना भी बंद कर दिया था जिस कारण जिला अस्पताल से उसे मेकाहारा रायपुर ले जाने की सलाह अभिभावकों को दी गई परन्तु उन्होंने पैसे आदि को देखते हुए वहां जाने से इंकार कर दिया।
ऐसे में शिशु की जान बचाने के लिए सिविल सर्जन डॉक्टर राजेश कुमार अवस्थी के निर्देश पर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम ने निर्णय लिया की शिशु का पीलिया युक्त सम्पूर्ण रक्त निकाल कर एक्सचेंज ट्रांस फ्यूजन द्वारा नया रक्त डाला जाए।
इस प्रक्रिया में करीब 300 एमएल रक्त की आवश्यकता थी। जिसे ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर अशोक वर्मा ने प्रदान किया। इस कठिन प्रक्रिया के दौरान बच्चे की जान भी जा सकती थी इसलिए अभिभावकों की सहमति लेते हुए यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई। जिसके बाद शिशु का बिलीरुबिन सामान्य हो गया एवं अब शिशु पूरी तरह से स्वस्थ है।
रक्त बदलने की इस पूरी प्रक्रिया में जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम में डॉ के टेम्भूरने,डॉ योगेन्द्र वर्मा एवं डॉ भूपेन्द्र साहू का योगदान रहा जबकि नर्सिंग स्टाफ से लता टंडन और श्यामा भारती ने सहयोग किया।
शिशु के ठीक हो जाने पर अभिभावक बहुत ही प्रसन्न हैं। उन्होंने समस्त चिकित्सा स्टॉफ एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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