नई दिल्ली, 16 सितंबर। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अप्रैल-जून, 2020 की अवधि में भारत का समग्र निर्यात (माल प्लस सेवाओं) में 25.42 प्रतिशत की गिरावट आई है।
यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री के जवाब के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं :
नवीनतम व्यापारिक निर्यात अगस्त, 2020 में निर्यात में गिरावट (-)12.66% घटने के साथ एक रिकवरी दिखाती हैं।
राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के बाद अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे खुलने के साथ, औद्योगिक गतिविधि सामान्य होने लगी है।
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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जून, 2020 के लिए जारी किए गए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का त्वरित अनुमान क्रमशः अप्रैल, 2020 और मई, 2020 में 53.6 और 89.5 की तुलना में 107.8 है।
सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
विदेश व्यापार नीति (2015-20) की वैधता एक वर्ष यानी 31 मार्च,2021 तक बढ़ाई गई और छूट और समय.सीमा को भी कोविड -19 के कारण बढ़ाया गया।
प्री और पोस्ट शिपमेंट रुपे एक्सपोर्ट क्रेडिट पर ब्याज समानकरण योजना को एक वर्ष यानी 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है
व्यापार को सुविधाजनक बनाने और निर्यातकों द्वारा एफटीए के उपयोग को बढ़ाने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ़ ओरिजिनल के लिए सामान्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया गया है।
कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों से संबंधित कृषि निर्यातों को गति प्रदान करने के लिए एक व्यापक “कृषि निर्यात नीति” लागू की जा रही है।
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