चेन्नई, 24 सितम्बर | भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शनिवार सुबह शुरू हो गई, जो अपने अब तक के सबसे लंबे मिशन के तहत सोमवार को आठ उपग्रहों के लेकर उड़ान भरेगा। इनमें से एक मौसम संबंधी और अन्य सात उपग्रह हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, पीएसएलवी के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शनिवार सुबह 8.42 बजे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा रॉकेट प्रक्षेपण स्थल पर शुरू हुई।
इसरो का यह अब तक सबसे लंबा पीएसएलवी उपग्रह प्रक्षेपण मिशन है, जिसमें दो घंटे, 15 मिनट से अधिक का समय लेगा।
320 टन वजनी पीएसएलवी रॉकेट आठ उपग्रहों को लेकर उड़ान भरेगा, जिनमें तीन भारतीय व पांच विदेशी हैं। इसका प्रक्षेपण 26 सितम्बर को सुबह 9.12 बजे श्रीहरीकोटा स्थित लांच पैड से किया जाएगा।
रॉकेट का मुख्य भार 371 किलोग्राम का स्कैटसैट-1 उपग्रह होगा, जो समुद्री व मौसम संबंधी अध्ययन से जुड़ा है। इसे उड़ान के 17 मिनट के भीतर 730 किलोमीटर ध्रुवीय सूर्य समकालिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
पीएसएलवी के साथ भेजे जाने वाले दो अन्य भारतीय उपग्रहों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई द्वारा तैयार प्रथम (10 किलोग्राम) और पीईएस विश्वविद्यालय, बेंगलुरू का पिसैट शामिल है।
पीएसएलवी के साथ भेजे जाने वाले पांच विदेशी उपग्रहों में अल्जीरिया के तीन (अल्सैट-1 बी 103 किलोग्राम, अल्सैट-2 बी 117 किलोग्राम, अल्सैट-1 एन सात किलोग्राम), कनाडा का एक (एनएलएस-19 आठ किलोग्राम) तथा अमेरिका का एक (पाथफाइंडर-44 किलोग्राम) शामिल है।
सातों उपग्रहों को 689 किलोमीटर ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
यह पहला मिशन है, जिसके तहत पीएसएलवी उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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