बिहार में बाढ़ : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खगड़िया, भागलपुर और बेगूसराय में 17 अगस्त, 2021 को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर लौटने के पश्चात् पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं और राहत पहुँचाने का काम किया जारहा है।
गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है जिसके कारण कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि बेगूसराय का दौरा पहले से तय नहीं था लेकिन जब लगा कि यह इलाका भी काफी प्रभावित है तो वहां जाकर भी हम लोगों ने जायजा लिया है सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों के संबंध में अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं ।
नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बेहतर तरीके से राहत शिविर का संचालन किया जा रहा है। राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण भोजन का भी इंतजाम किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने राहत शिविर में रहने वाले लोगों से भी बातचीत की है। हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा कर सभी लोगों को राहत पहुंचाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी में अब पानी कम हो रहा है लेकिन पानी से जो भी नुकसान हुआ है उनको हम लोग पूरी तरह से राहत देंगे । वैसे इस बार गंगा नदी में जलस्तर थोड़ा कम रहा है लेकिन कई जगहों पर उसी तरह से नुकसान हुआ है ।
पटना जिले के गाँधीघाट में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 163 सेंटीमीटर ऊपर चला गया था | 17अगस्त को मुख्यमंत्री ने खगड़िया के परबत्ता ब्लॉक में भरतखंड बांध और एंटी फ्लड स्लुइस का मौके पर जाकर निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
इससे पहले सारण जिले के दरियापुर प्रखंड में माही नदी में 15 अगस्त की देर रात ओवरटॉपिंग पर काबू पाया गया। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और सभी जगहों पर बढ़ती प्रवृत्ति दिखा रही है। गंगाजल को ग्रामीण इलाकों में फैलने से रोकने के लिए वैशाली में तिरमुहान से हसनपुर बार्डर तक अस्थाई डॉवेल का निर्माण किया गया है. बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए सुदृढ़ीकरण का काम किया जा रहा है।
बेगूसराय में कंसार साइट पर एक रिसाव का पता चला था। बिना समय बर्बाद किए, WRD बिहार की टीम सीपेज को नियंत्रित करने के लिए हरकत में आई।
गांधी घाट सहित विभिन्न घाटों एवं सेतु पर जाकर गंगा के बढ़े जलस्तर तथा पटना की बाढ़ से सुरक्षा के लिए किये गये भागलपुर जिले के बिहपुर प्रखंड में कोसी नदी के दाएं किनारे पर स्थित गुवारीडीह पुरातात्विक स्थल पर इस वर्ष बाढ़ सीजन से पूर्व बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य कराया गया है। इसके अंतर्गत 800 मीटर की लंबाई में यूकेलिप्टस बल्ला पाइलिंग कर जियो बैग से स्लोप पिचिंग का कार्य कराया गया है।
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