नई दिल्ली, 08 मार्च (जनसमा)। भारतीय नौसेना की महिला कर्मियों ने जोखिमभरी समुद्री यात्रा पूरी की और महिला दिवस के मौके पर महिला चालकों द्वारा संचालित पोत अपने गंतव्य गोवा पहुंच गया।
अंतर्राष्ट्रीय नौसैन्य दस्ते में हिस्सा लेने के बाद नौसेना का प्रसिद्ध म्हादेई पोत विशाखापत्तनम से अपने गृह बंदरगाह से चलकर गोवा के लिए रवाना हुआ। दिखने में यह एक मामूली यात्रा थी लेकिन इसमें अनोखापन था। पहली बार इसे भारतीय नौसेना की महिला कर्मियों ने ही संचालित किया।
अपनी पहली यात्रा में नौसेना की इन साहसी महिला अधिकारियों, म्हादेई और उनके चालक दल के सदस्यों को मन्नार की खाड़ी में खराब मौसम और ऊंची समुद्री लहरों से भी जूझना पड़ा। चालक दल के सभी सदस्य स्वयंसेवी हैं और उन्होंने अपनी समुद्री यात्रा साहस और जोखिम का परिचय देते हुए शुरू की है।
लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी 8 फरवरी, 2016 को म्हादेई की पहली महिला चालक नियुक्त हुईं। इस अभियान में लेफ्टिनेंट पी. स्वाथि, लेफ्टिनेंट प्रतिभा जामवाल (वायु यातायात नियंत्रण विशेषज्ञ), लेफ्टिनेंट विजया देवी और उप लेफ्टिनेंट पायल गुप्ता (दोनों शिक्षा अधिकारी) भी शामिल थीं। म्हादेई की छठीं सदस्य नौसेना की मुख्य कर्ता-धर्ता लेफ्टिनेंट बी. ऐश्वर्या हैं। उम्मीद है कि वे शीघ्र ही नौसेना के इस अभियान का हिस्सा बनेंगी।
ये महिला अधिकारी समुद्रपारीय अभियानों के लिए भी हर तरह से प्रशिक्षण ले रही हैं। इन्हें 2017 में दुनियाभर में नौका से समुद्र अभियान पर निकलना है। इस काम के लिए संचार, समुद्री साहस और मौसम की बेहतर समझ विकसित करने के लिए नौसेना में कई तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह काम पिछले साल अगस्त में कोच्चि के प्रतिष्ठान में चल रहा है।
म्हादेई ने 12 से 19 फरवरी को चेन्नई के बंदरगाह का दौरा किया और 27 फरवरी से 2 मार्च के बीच अपनी वापसी की यात्रा कोच्चि में सम्पन्न की थी। वह वापस अपने मूल बंदरगाह गोवा में आज पहुंचा और संयोग से यह दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था। भविष्य के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में ये साहसिक महिलायें दिन मई 2016 को मॉरिशस जायेगा।
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