नई दिल्ली, 19 सितंबर। सरकार के केंद्रित प्रयासों के कारण जैविक खेती (organic farming) के तहत खेती योग्य भूमि क्षेत्र 2014 में 11.83 लाख हेक्टेयर से 2020 में 29.17 लाख हेक्टेयर हो गया है।
इन वर्षों में, जैविक प्रचार गतिविधियों के कारण राज्य विशिष्ट जैविक ब्रांडों का विकास हुआ, घरेलू आपूर्ति और एनईआर से जैविक उत्पादों का निर्यात बढ़ा। ऑर्गेनिक पहल की सफलता से संकेत लेते हुए, विज़न डॉक्यूमेंट में 2024 तक 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र कवरेज का लक्ष्य रखा गया है।
जागरूकता कार्यक्रम, पर्याप्त फसल उपरांत अवसंरचना की उपलब्धता, विपणन सुविधाएं, जैविक उत्पादों की प्रीमियम कीमत आदि, निश्चित रूप से किसानों को जैविक खेती (organic farming) की ओर प्रेरित करेंगे, जिससे देश में जैविक कवरेज बढ़ेगा।
रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर (FiBL) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट्स (IFOAM) के आंकड़ों के अनुसार, भारत 1.94 मिलियन हेक्टेयर (2018-19) के साथ प्रमाणित कृषि भूमि के मामले में 9 वें स्थान पर है। अन्य देशों के साथ जैविक खेती (organic farming) के संबंध में चीन, ब्राजील और अमेरिका का तुलनात्मक डेटा इस प्रकार है: –
- चीन 3.14 मिलियन हेक्टेयर के साथ तीसरे स्थान पर,
- अमरीका 2.02 मिलियन हेक्टेयर के साथ 7वें स्थान पर तथा
- ब्राज़ील 1.18 मिलियन हेक्टेयर के साथ 12 वें स्थान पर हैं।
रासायनिक मुक्त खेती को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय प्राकृत कृषि पधति (BPKP) के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना शुरू किया गया है।
आंध्र प्रदेश और केरल ने बीपीकेपी के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए क्रमशः 1 लाख हेक्टेयर और 0.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को लिया है।
इसी तरह, व्यक्तिगत किसानों के प्रमाणन के लिए सतत क्षेत्र प्रमाणन और समर्थन 2020-21 के दौरान शुरू किया गया है, जो कि डिफ़ॉल्ट जैविक क्षेत्रों में लाने और व्यक्तिगत किसानों को जैविक खेती (organic farming) की तह में लाने के लिए है।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार 18 सितंबर,2020 को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
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