बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चुनाव प्रचार के दौरान चोटिल होना निस्संदेह चिन्तालनक है और चुनाव आयोग ने इस घटना पर बंगाल सरकार के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है।
ममता बनर्जी के बुधवार शाम को पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में अपने चुनाव क्षेत्र में घायल हो जाने के बाद इस मामले को लेकर कई प्रकार की प्रतिक्रियाएँ और टिप्पणियाँ सामने आई हैं लेकिन इससे यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वे घायल कैसे हुईं।
ममता बनर्जी ने चोटिल होने के तुरंत बाद मीडिया से कहा कि उन पर हमला किया गया है मेरे पैर को गाड़ी से कुचलने की कोशिश की गई है वहीं एक प्रमुख समाचार एजेंसी ने प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा है कि पोस्टर के टच हो जाने से कार का दरवाजा बंद हो गया। उन्हें किसी ने न धक्का दिया न मारा क्योंकि दरवाजे के पास कोई नहीं था ।
खबरों में कहा गया है कि भारी भीड़ के बीच वे घायल हो गई और उनके पैरों में गंभीर चोट आई है और वे पीड़ा महसूस कर रही है। उनकी हालत को देखते हुए नंदीग्राम से ग्रीन कोरीडोर बनाकर कोलकाता लाया गया और अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके कई तरह के टेस्ट किए गए हैं।
ममता के चोटिल हो जाने के बाद राजनीतिक आरोप.प्रत्यारोप के बीच अनेक नेताओं ने कहा कि यह चुनाव जीतने का एक तरीका है।
एक टिप्पणीकार ने कहा कि यह राजनीतिक स्वार्थ की संवेदनहीनता है कि इसतरह की त्वरित प्रतिक्रिया दी गई जबकि समाचार चैनल उस समय उनके चोटिल होने के विजुअल्स दिखा रहे थे।
एक प्रमुख चैनल ने प्रत्यक्षदर्शीके हवाले से कहा है कि उन्हें किसी ने धक्का नहीं दिया।
समाचार चैनलों के अनुसार किसी ने उनकी कार का दरवाजा बंद कर दिया जिससे उनके बाएं पैर में चोट आई है। एक प्रत्यक्षदर्शी चितरंजन दास ने कहा कि पोस्टर के टच हो जाने से कार का दरवाजा बंद हो गया। किसी ने धक्का नहीं दिया। दरवाजे के पास कोई नहीं था।
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