नई दिल्ली, 07 फरवरी, 2016। मशहूर कार्टूनिस्ट स्व. सुधीर तैलंग का अंतिम संस्कार रविवार को अपरान्ह् लोधी रोड़ स्थित शमशान गृह में वैदिक मंत्रोंचारण और परम्पराओं के साथ किया गया। उनकी पुत्री सुश्री अदिति और भाई राजेश तैलंग ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। तैलंग का शनिवार को लम्बी बिमारी के बाद नई दिल्ली में देहांत हो गया था।
अंतिम संस्कार के समय कला, साहित्य, पत्राकारिता, राजनीति और सामाजिक क्षेत्र से जुडी कई हस्तियां व उनके प्रशंसक बड़ी संख्या में मौजूद थे।
अंतिम विदाई के समय पूर्व उप प्रधानमंत्राी लालकृष्ण अडवाणी, उनकी पुत्राी सुश्री प्रतिभा अडवाणी, पूर्व सांसद नवीन जिंदल, पूर्व राजनयिक पवन वर्मा, टी.वी. कलाकार अनूप सोनी, पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी, कवि अशोक चक्रधर, जानी-मानी कलाकार शेरेन लावेन, कथक नृत्यांगना सुश्री प्रेरणा श्रीमाली, वृतचित्र निर्माता निदेशक लेखक बृजेन्द्र रेही, प्रख्यात पत्राकार एच.के. दुआ, दिवांग, दीपक चौरसिया, राजेन्द्र उपाध्याय, श्रीमती अलका रघुवंशी, मनोज रघुवंशी, राजेन्द्र व्यास, एस.पी. गुप्ता तिजारेवाला के साथ ही जावेद हबीब, नरेश कपूरिया, गोपी गजवानी, सिप्रा के अध्यक्ष गोपेन्द्र नाथ भट्ट, आदि मौजूद थे।
पूर्व उप प्रधानमंत्राी अडवाणी सहित सभी उपस्थित हस्तियों ने सुधीर तैलंग के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें अपनी श्रृद्धांजली अर्पित की और स्वर्गीय तैलंग की पत्नी श्रीमती विभा तैलंग, पुत्राी सुश्री अदिति और उनके वयोवृद्ध पिता व अन्य परिजनों को ढांढस बंधवाया।
सुप्रसिद्ध लेखक डॉ. धर्मेन्द्र भंडारी ने भी तैलंग के असामयिक देहांत पर गहरा शोक व्यक्त किया। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ओर से भी पुष्पांजली अर्पित की गई। इससे पूर्व तैलंग की शव यात्रा उनके मयूर विहार फेज-2 स्थित निवास से रवाना होकर लोधी रोड़ स्थित शमशान गृह पहुंची।
सोमवार को होगी प्रार्थना सभा
दिवंगत सुधीर तैलंग को श्रृद्धांजली अर्पित करने के लिए सोमवार को अपरान्ह् तीन से पांच बजे तक दिल्ली के मयूर विहार फेज-2 में स्थित आर्य समाज मंदिर (नीलम माता मंदिर के पास) में होगी।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा सन् 2004 में पद्मश्री से अलंकृत कार्टृनिस्ट स्व. सुधीर तैलंग का जन्म 26 फरवरी, 1960 को राजस्थान के बीकानेर में हुआ था। उन्होंने जीव विज्ञान से बी.एस.सी. तथा अंग्रेजी साहित्य से एम.ए. की पढाई की थी। तैलंग ने दस वर्ष की उम्र में अपने कार्टूनिस्ट जीवन प्रारंभ किया और 20 हजार से ज्यादा कार्टून बनाए। उनके अधिकतर कार्टून ज्वलंत मुद्दों और राजनीतिक व सार्वजनिक क्षेत्र की पृष्ठभूमि से जुड़े होते थे जिन्हें सभी ने सराहा।
इनके कार्टूनों की प्रदर्शनी देश-विदेश में कई स्थानों पर आयोजित हुई। जिनमें 2004 में लंदन में कार्टूनों की एकल प्रदर्शनी काफी चर्चित हुई।
उन्होंने अनेक सामाजिक व चैरिटेबल संस्थाआंे के साथ ही सुनामी पीड़ितों, राजस्थान के सूखा पीड़ितों व भोपाल गैस पीड़ितों के लिए भी कार्टून्स् बनाए तथा अपने कार्टून्स् की प्रदर्शनी लगा कर नीमाली से इकठ्ठा हुई राशि को दान कर दिया। उन्होंने रेडियों व दूरदर्शन के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर कार्टून विद्या से जुड़ने के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
स्व. सुधीर तैलंग ने कार्टून कला पर दूरदर्शन के लिए धारावाहिक भी बनाये थे।
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फोटो कैप्शनः- नई दिल्ली के लोधी रोड़ शमशान गृह में मशहूर कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजली अर्पित करते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्राी लालकृष्ण अडवाणी और शोकाकुल परिवारजन।
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