मुंबई 13 फरवरी (जनसमा)। ‘मेक इन इण्डिया’ से भारत की अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक परिदृश्य रोशन होगा। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि भारत के लिए बनाओ ताकि बेरोजगारों को काम के अवसर मिलें और इस क्षेत्र में लोगों की जरूरतें पूरी होसकें।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें शनिवार को ‘मेक इन इंडिया वीक’ की शुरुआत करते हुए एमएमआरडीए मैदान में ‘मेक इन इंडिया’ केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर कही। इस मौके पर मोदी के साथ स्वीडन के प्रधानमंत्री जेल स्टीफन लॉफेन और फिनलैंड के प्रधानमंत्री जूहा पेट्री सिपिला भी मौजूद थे।
नेशनल क्लब ऑफ इंडिया के खचाखच भरे इनडोर स्टेडियम में नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘मेक इन इंडिया’ भारत का अब तक का सबसे बड़ा ब्रांड बन चुका है। यह लोगों, व्यापारियो, संस्थाओ, राजनेताओं और मीडिया पर छा गया है।
प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के दौरान कहा ‘मैं दोहराता हूं कि भारत में पूर्व प्रभाव से कोई भी कर नहीं वसूला जाएगा।’ इसके अलावा उन्होंने अपनी सरकार द्वारा भारत में व्यापार को आसान बनाने के लिए उठाए गए अन्य महत्वपूर्ण कदमों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार बनने के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वास्तव में दिसंबर, 2015 में विदेशी निवेश का प्रवाह अब तक का सर्वाधिक था जबकि एक समय ऐसा भी था जब इसमें बुरी तरह गिरावट आगई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इण्डिया
- उत्पादक गतिविधियों में संलग्न करने की हमारी सामूहिक इच्छा को दर्शाता है।
- कम कीमत पर चीजों का उत्पादन करने की वैश्विक आवश्यकता को दर्शाता है।
- यह सुधार करने और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए हमें मजबूर कर रहा है
- यह हमें समान शर्तों पर दुनिया के साथ जुड़ने के लिए हौसला बढ़ाता है।
उन्होंने कहा कि हम हर रोज व्यापार में आने वाली कठिनाइयों को दूर कर रहे हैं। यही कारण है कि कई सारी वैश्विक संस्थाओं ने भारत के विकास की रफ्तार को वर्तमान में 7.5 फीसदी से भी अधिक होने का अनुमान लगाया है।
प्रधानमंत्री ने विस्तार से सरकार द्वारा व्यापार को सुगम बनाने लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी।
उद्घाटन के तुरंत बाद मोदी ने अलग-अलग पवेलियनों में जाकर लॉफेन और सिपिला के साथ मिलकर भारत के कौशल और विभिन्न क्षेत्रों ऑटोमोबाइल, रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विशिष्ट नवाचार, रचनाओं के उत्कृष्ट नमूने देखे।
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