मुंबई, 25 अक्टूबर | अनुभवी फिल्मकार और अभिनेता मनोज कुमार वापसी की योजना बना रहे हैं।
मनोज कुमार को इस साल 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के दौरान 47वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
देशभक्ति पर आधारित फिल्म के लिए पहचाने जाने वाले 79 वर्षीय अभिनेता ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, “मैंने फिल्म बनाने का फैसला किया है। मुझे नहीं पता कि यह आज की फिल्म की तरह बनेगी या नहीं, लेकिन मैं कोशिश करूंगा। मैं खुद शॉट्स बनाऊंगा इसलिए उम्मीद है कि मैं इसे बना सकूंगा। मैं यही कहना चाहूंगा कि यह सिर्फ शुरुआत है।”
वर्ष 1995 की फिल्म ‘मैदान-ए-जंग’ में नजर आ चुके अभिनेता भारत के आगामी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित है।
उन्होंने कहा,”मैंने पुरस्कारों के लिए फिल्म नहीं बनाई। मैंने देश के लिए अपने दिल से फिल्म बनाई। मैं इफ्फी का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हूं। इसमें मेरी पांच फिल्में होंगी। मेरे लिए यह भावुक क्षण है।”
गोवा में 47वें इफ्फी में 20 नवंबर से आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मनोज कुमार की ‘शहीद’, ‘शोर’, ‘क्रांति’, ‘पूरब-पश्चिम’ और ‘गुमनाम’ जैसी फिल्में दिखाई जाएंगी।
मनोरंजन-जगत में उतार-चढ़ाव देख चुके अभिनेता ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में समय के साथ बहुत कुछ बदला है।
उन्होंने कहा, “इस इंडस्ट्री में मैंने काफी समय बिताया , लेकिन अब मैंने एक चीज नोटिस की है पहले यह उद्योग एक परिवार की तरह था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। दुर्भाग्य से माहौल बदल रहा है और यह निराशाजनक है।”
पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए? इस पर दिग्गज अभिनेता ने कहा,”पाकिस्तानी कलाकारों के फिल्म में होने पर हमें इसकी रिलीज में समस्या होती है। अगर सरकार पाकिस्तानी कलाकारों को काम की अनुमति दे दे तो सही है नहीं तो उन्हें फिल्म में न रखा जाए।”
करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,”अगर फिल्म तैयार है और आप कहते हैं कि फिल्म रिलीज नहीं कर सकते। तो यह गलत है।”
उमा रामसुब्रमण्यन===
(फाइल फोटो)
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