जयपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से केबिनेट के प्रस्ताव पर आपत्तियां लगाने के बाद उनके निस्तारण के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विस्तार से चर्चा करने के बाद संशोधित प्रस्ताव विधि सचिव के माध्यम से राजभवन भिजवाया है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को दो बार राज्यपाल मिश्र से मुलाकात का कार्यक्रम तय किया, लेकिन गहलोत राजभवन नहीं गए। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के साथ वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल मिश्र से मुलाकात कर ज्ञापन दिया।
कांग्रेस ने सोमवार को जयपुर समेत देश के सभी राज्यों के राजभवनों का घेराव करने की घोषणा की है। कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर राजभवन घेराव की घोषणा की है। वेणुगोपाल ने लिखा कि लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ कांग्रेस देशभर के राजभवन घेरेगी।
प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के आह्वान पर शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे राज्य में सडक़ों पर उतरे। कार्यकर्ताओं ने सरकार गिराने की भारतीय जनता पार्टी की कथित साजिश के खिलाफ प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सुबह 11 बजे धरना प्रदर्शन किया।
कांग्रेस विधायक दल ने शनिवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया और संकल्प किया कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए चाहे राष्ट्रपति भवन जाना पड़े या फिर पीएम नरेन्द्र मोदी के निवास पर धरना देना पड़े, कहीं पर भी पीछे नहीं हटेंगे। सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी विधायकों ने हाथ खड़े कर विश्वास व्यक्त किया। बैठक को सीएम गहलोत ने सम्बोधित करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और उन पर जमकर हमले किए। गहलोत को विधायकों ने विश्वास दिलाया कि यदि 21 दिन होटल में रुकना पड़े तो भी रुकेंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने में असफलता के बाद बौखलाई हुई भाजपा अब राज्यपाल पर विधानसभा सत्र शुरू करने की अनुमति नहीं देने का असंवैधानिक दबाव बना रही है। राज्यपाल से निवेदन है कि प्रदेश की 8 करोड़ जनता का मान रखते हुए चुनी हुई सरकार को सत्र आहूत करने की अनुमति दें।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा दवाब की राजनीति का खेल चल रहा है, जिससे प्रदेश की राजनीति को कलंकित किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाने की कैबिनेट सिर्फ मांग कर सकती है, सत्र बुलाने का अधिकार राज्यपाल का है।
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