‘रामायण क्रूज सेवा’ उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी पर जल्द ही शुरू की जाएगी।
पवित्र सरयू नदी पर यह पहली लक्जरी क्रूज सेवा होगी। पोर्ट्स, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार 01 दिसंबर,2020 को नई दिल्ली में क्रूज सेवा के कार्यान्वयन के लिए समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी-घाघरा राष्ट्रीय जलमार्ग -40 पर पहली बार लक्जरी क्रूज सेवा होगी। इसका उद्देश्य पवित्र नदी सरयू के प्रसिद्ध घाटों के माध्यम से भ्रमण करते हुए भक्तों को एक प्रकार की आध्यात्मिक यात्रा का आनन्द अनुभव कराना है।
Image : रामायण क्रूज सेवा के जहाज का 3डी डिज़ाइन
रामायण क्रूज सेवा वैश्विक स्तर के साथ सभी आवश्यक सुरक्षा और सुविधाओं के साथ लैस होगी। क्रूज के अंदरूनी हिस्से और बोर्डिंग पॉइंट रामचरितमानस की थीम पर आधारित होंगे।
पूरी तरह से वातानुकूलित 80सीटर क्रूज में घाटों की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए कांच की बड़ी-बड़ी खिड़कियां होंगी। क्रूज पर्यटकों के आराम के लिए रसोई और पेंट्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा। क्रूज में पर्यावरण पर शून्य प्रभाव के लिए जैव शौचालय और हाइब्रिड इंजन प्रणाली है।
रामायण क्रूज सेवा टूर की अवधि लगभग एक से डेढ़ घंटे की होगी। इस दौरान गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस पर आधारित विशेष रूप से बनाई गई वीडियो फिल्म भी दिखाई जाएगी।
रामायण क्रूज सेवा टूर लगभग 15-16 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। रामायण के विभिन्न प्रसंगों से प्रेरित कई गतिविधियाँ और सेल्फी पॉइंट होंगे। दौरे के बाद सरयू आरती होगीए जिसमें हर सदस्य सक्रिय रूप से भाग ले सकेगा।
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