रोजगार देने वाली पीढ़ी का निर्माण ही हमारी मंशा : रमन

रायपुर, 12 फरवरी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार देने वाली पीढ़ियों का निर्माण राज्य सरकार का लक्ष्य है। हम ऐसी पीढ़ियों का निर्माण करना चाहते हैं, जो स्वयं विभिन्न व्यवसायों में तकनीकी रूप से कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का उद्योग-व्यवसाय शुरू करे और उसमें अपने स्थानीय युवाओं को सहयोगी के रूप में रोजगार दे सके। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘डिजिटल भारत और कुशल भारत ’ के सपने को साकार करने के लिए हम सबको मिलकर डिजिटल छत्तीसगढ़ और कुशल छत्तीसगढ़ का निर्माण करना होगा।

मुख्यमंत्री आज दोपहर सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर में कौशल उत्सव 2016 और रोजगार मेले  का शुभारंभ करने के बाद विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने खुली जीप में कार्यक्रम स्थल पर घूमकर युवाओं और आमनागरिकों का अभिवादन किया। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में नागरिक और युवा उपस्थित थे।

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मुख्य अतिथि की आसंदी से डॉ. रमन सिंह ने कौशल उत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा, “राज्य सरकार द्वारा यहां के युवाओं के उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना की जा चुकी है। अब सरगुजा बहुत जल्द नया मेडिकल कॉलेज भी लेकर आ रहा है।” डॉ. सिंह ने जिले में कौशल उन्नयन से संबंधित गतिविधियों पर केन्द्रित प्रदर्शनी और रोजगार मेले का भी शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 93 करोड़ रूपए के विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया। उन्होंने कौशल उत्सव को सम्बोधित करते हुए नक्सल समस्या से सरगुजा को मिली मुक्ति का भी उल्लेख किया।

डॉ. रमन ने कहा, “लगभग 12 वर्ष पहले मुख्यमंत्री के रूप में जब मैं सरगुजा आया था उस समय जिले में अशांति और आतंक का वातावरण था, लेकिन अब इस जिले की तस्वीर काफी बदल गई है। अब यहां विकास और विश्वास का वातावरण है।” उन्होंने लोगों को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वसंत के इस मौसम में सरगुजा मस्ती से झूम रहा है। यह एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है। जनता के सहयोग से हमें यह सफलता मिली है।

डॉ. सिंह ने इस अवसर पर ‘आगे सरगुजा-जागे सरगुजा-कुशल सरगुजा’ के प्रेरक नारे का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “सबसे पहले हमने इस अंचल को कनेक्टिविटी देने का काम किया। सड़कों का जाल बिछाने की योजना पर अमल शुरू किया।”  डॉ. रमन सिंह ने कहा, “अगले तीन वर्ष में राज्य में लगभग 45 हजार करोड़ रूपए की सड़कों का निर्माण किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के तहत इनमें से लगभग तीन हजार करोड़ रूपए की सड़कें सरगुजा अंचल को जोडेंगी। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूरे क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरगुजा को सड़कों के साथ-साथ रेल कनेक्टिविटी से भी जोड़ने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है। हाल ही में रेलमंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में नई दिल्ली में अम्बिकापुर से बरवाडीह (झारखंड) तक 182 किलोमीटर रेल मार्ग बिछाने के लिए राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच समझौते (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। यह रेलमार्ग सरगुजा के पूर्व लोकसभा सांसद स्वर्गीय श्री लरंग साय की भी परिकल्पना थी। सरगुजा जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण भी बहुत जल्द हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कौशल उत्सव में सरगुजा में कौशल उन्नयन के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की तारीफ करते हुए कहा, “यहां आई.टी.आई. कॉलेज के साथ लाइवलीहुड कॉलेज और अन्य कौशल प्रशिक्षण केन्द्र में युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य सरकार की यह मंशा है कि प्रदेश में रोजगार देने वाली पीढ़ी का निर्माण हो और हमारे युवा अपने साथियों को भी अपने सहयोगी के रूप में रोजगार दे सकें।” डॉ. रमन सिंह ने कहा, “युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के बाद प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंकों से स्व-रोजगार के लिए आवश्यक ऋण सहायता भी दिलायी जाएगी। राज्य में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू हो चुकी है।”

मुख्यमंत्री ने मंच पर मौजूद विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरगुजा के विकास को लेकर राज्य सरकार को हमेशा उनका सकारात्मक सहयोग मिलता रहता है। डॉ. सिंह ने कहा, “हमारी सरकार ने सबके साथ सबके विकास की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ के विकास में सबका सहयोग लेने का संकल्प लिया है।”