हैदराबाद, 24 सितंबर | लीबिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की कैद में छ़ुड़ाए गए दो तेलुगू शिक्षक शनिवार को घर लौट आए। टी. गोपीकृष्ण और सी. बलराम किशन तड़के नई दिल्ली से हैदराबाद पहुंच गए।
उन्होंने केवल इतना ही कहा कि वे अपने परिवारों के पास लौट कर खुश हैं, लेकिन उन्होंने इससे जुड़े अपने अनुभवों को साझा करने से इनकार कर दिया।
आईएस ने 29 जुलाई, 2015 को भारत लौटने के दौरान युनिवर्सिटी ऑफ सिरते के दोनों शिक्षकों का रास्ते में ही अपहरण कर लिया था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 15 सितंबर को उनके मुक्त करा लिए जाने की घोषणा की थी।
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में तेक्कली निवासी गोपी कृष्ण (35) युनिवर्सिटी ऑफ सिरते में सहायक प्रोफेसर हैं, जबकि उसी युनिवर्सिटी के बलराम (52) तेलंगाना के करीमनगर जिले के रहने वाले हैं।
गोपीकृष्ण ने अपने निवास स्थान पर मीडिया से कहा, “मैं अपने परिवार के पास लौटने पर बेहद खुश हूं। मेरे पास अपनी खुशी बयां करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं।”
उन्होंने लीबियाई सेना और भारत सरकार को खासतौर पर धन्यवाद दिया।
गोपीकृष्ण ने अन्य कोई जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा, “मैं लंबी कैद के बाद वापस लौटने को लेकर बेहद उत्साहित हूं। मैंने विदेश मंत्रालय को पहले ही इस बात की सारी जानकारी दे दी है कि 414 दिनों की मेरी कैद के दौरान क्या हुआ था। मैं और अधिक विवरण नहीं दे सकता।”
–आईएएनएस
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