रांची, 12 फरवरी। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भटके हुए युवाओं का आह्वान किया कि वे हिंसा का मार्ग त्याग कर गांव केे विकास में सहयोग करें। हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है। सभी भटके युवक-युवतियां मुख्यधारा में शामिल हों तथा विकास का भागीदार बनें एवं चतरा जिले को नक्सल मुक्त बनायें। वे आज चतरा जिले के लावालौंग में नौ कुण्डलीय महायज्ञ का शुभारंभ कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लावालौंग में नवनिर्मित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री दास ने कहा कि ईटखोरी को बुद्धा सर्किट से जोड़ने की योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी को पेयजल मिले इसके लिए सरकार गंभीर है। लावालौंग की जनता पिछड़ापन की भावना छोड़, विकास में हाथ बटाये और लावालौंग को आने वाले दो वर्षों में विकसित प्रखंड का दर्जा दिलायें।
मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि आधी आबादी को सशक्त बनाना होगा। सरकार कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, उद्योग एवं पर्यटन के विकास में जोर दे रही है। कृषि के क्षेत्र में कृषि, बागवानी, पशुपालन जैसे पेशे को अपनाने से विकास होगा। विकास के लिए शांति का वातावरण आवश्यक है। विकास नहीं होने से युवक-युवतियां मुख्यधारा से भटक गये हैं। शासन-शासक एवं जनता के बीच किसी प्रकार की खाई नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा कि लावालौंग के वासी अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण करायें, इसके लिए सरकार पूर्ण सहयोग करेगी।
इसके बाद कल्याणपुर गांव में योजना बनाओ अभियान कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि अब सरकार के उच्च पदाधिकारी गांव में जाकर ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनके गांव के विकास की रुपरेखा तय करने में मदद कर रहे हैं। इसी परिदृश्य को सरकार ने साकार करने का संकल्प लिया है जिसके तहत योजना बनाओ अभियान की शुरुआत की गई है। गांव का विकास सभी के सहयोग पर निर्भर है। अगर कोई घूस की बात करता है तो 181 पर सम्पर्क कर बतायें, 24 घण्टे में जांच कर कार्रवाई होगी। ग्रामीण नकारात्मक सोंच हटायें। 2019 तक स्वच्छ झारखंड के तहत शौचालय के लिए तीन लाख घर का चयन किया जा चुका है, निर्माण हेतु 12,000 रूपये दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव का पानी गांव में रहे, चेकडैम, तालाब, गड्ढे बनाकर पानी जमा करें। सिंचाई के साधन बढेंगे तो कृषि में वृद्धि होगी। पलायन, बेरोजगारी समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि योजना बनाते समय सभी प्रकार के तालाब की योजना तैयार करें। मुखिया की अध्यक्षता में ग्रामीणों का पूरा सहयोग करें। जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं उनका दाखिला करायें, क्योंकि गांव के गरीबों को स्वाभिमान से जीना है तो शिक्षित समाज बनाना होगा। बच्चियों की शिक्षा से दो परिवार शिक्षित होते हैं। इसलिए इन्हें बालिग होने पर ही शादी विषय में सोंचे। इसीलिए ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ की शुरूआत की गई है।
उन्होंने गुमला की ममता कुमारी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल सभी बेटी करें, ताकि सभ्य समाज का निर्माण हो सके। जिन्हें जमीन/रोजगार नहीं है, उन्हें रोजगार मनरेगा के तहत् 150 दिन का काम जरूर दें। 2018 तक झारखण्ड के सभी घरों में बिजली होगी।
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