लखनऊ, 8 फरवरी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में वर्ष 2015 में ओलावृष्टि के कारण हुई फसलों की क्षति से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 4741.55 करोड़ रुपए की अवशेष धनराशि राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि से शीघ्र स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।
प्रधानमंत्री को आज लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री ने 4741.55 करोड़ रुपए की धनराशि अतिशीघ्र दिए जाने से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि वर्ष 2015 में ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश के किसानों की व्यापक क्षति हुई थी। इसके मद्देनजर किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए एन.डी.आर.एफ. से प्रदेश सरकार द्वारा धनराशि दिए जाने का अनुरोध किया गया था।
उन्होंने इस प्रकरण में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू के 21 अक्टूबर, 2015 के पत्र की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने अपने पत्र में अवगत कराया कि वर्ष 2015-16 के दौरान हुई ओलावृष्टि के कारण आवश्यक धनराशि के प्रबन्धन हेतु राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 2801.59 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है और इस हेतु राज्य सरकार को और कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं दी जाएगी।
पत्र में यह भी बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा अपने ज्ञापन में पुनः निर्माण कार्य, मध्यम, दीर्घकालिक/स्थायी प्रकृति की तैयारी एवं प्रसमन उपायों जैसी मदों के लिए निधियों की अपेक्षा को दर्शाया गया था, जो एस.डी.आर.एफ. तथा एन.डी.आर. 2 एफ. मानदण्डों के कार्य क्षेत्र से बाहर है। इसलिए उन मदों के लिए सहायता प्रदान किए जाने पर विचार नहीं किया गया।
अखिलेश यादव ने इस सम्बन्ध में अवगत कराया है कि वर्ष 2015 की ओलावृष्टि हेतु 7543.14 करोड़ रुपए का मेमोरेण्डम भारत सरकार को प्रेषित किया गया था, जिसमें निर्धारित मानक के अनुसार कृषि फसलों की क्षति के सापेक्ष कृषि निवेश हेतु अनुदान 7538.95 करोड़ रुपए, मकानों की क्षति के सापेक्ष गृह अनुदान 0.21 करोड़ रुपए, ओलावृष्टि की अवधि में मृतकों के आश्रितों हेतु सहायता 3.72 करोड़ रुपए तथा पशुओं की हानि के लिए सहायता 0.26 करोड़ रुपए की धनराशि की मांग की गई थी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट करते हुए लिखा है कि प्रदेश सरकार द्वारा पुनः निर्माण कार्य अथवा मध्यम, दीर्घकालिक/स्थायी प्रकृति की तैयारी एवं प्रसमन उपायों जैसी मदों के लिए धनराशि नहीं मांगी गई है। इसलिए मांग के सापेक्ष कम धनराशि स्वीकृत किए जाने के लिए दर्शाए गए कारण स्वीकार योग्य नहीं हैं।
अखिलेश ने यह भी उल्लेख किया है कि ओलावृष्टि वर्ष 2015 के बाद सामान्य से कम वर्षा होने के कारण प्रदेश के 50 जनपदों में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस स्थिति में यह अत्यन्त आवश्यक है कि किसानों को आवश्यक अवशेष राहत की धनराशि शीघ्र उपलब्ध करायी जाए।
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