नई दिल्ली, 4 मई | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि अगस्तावेस्टलैंड से वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया में नियमों को ‘तोड़ा-मरोड़ा’ गया था। इसके जवाब में विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार के दौरान शुरू हुई थी और नियमों में बदलाव भी तत्कालीन भाजपानीत सरकार ने किया था।
साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम का इटली की अदालत के फैसले में उल्लेख होने से इस सौदे में उनकी कोई भूमिका साबित नहीं होती।
राज्य सभा में अगस्तावेस्टलैंड सौदे में ‘रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप’ पर भाजपा सदस्य भूपेंद्र यादव ने बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने कंपनी की मदद की।
उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर खरीद के लिए ऊंचाई के मापदंड वाले नियमों में बदलाव कर कंपनी को फायदा पहुंचाया गया।
यादव ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने ‘जरूरतों को नजरअंदाज करते हुए हेलीकॉप्टर की उड़ान की ऊंचाई क्षमता को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर कर दिया जिससे अगस्तावेस्टलैंड को फायदा हुआ।’
यादव ने कहा, “तथ्य यह है कि केबिन की ऊंचाई को भी 1.8 मीटर एक जरूरी आवश्यकता बना दिया गया, जिससे प्रतिस्पर्धा में कोई दूसरी कंपनी नहीं रही। इसके बाद खरीद नियमों के तहत अगस्तावेस्टलैंड अकेली कंपनी बनी जिससे खरीद की गई।”
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने यादव के तुरंत बाद बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि नियमों में बदलाव वाजपेयी सरकार के दौरान भी हुए थे।
सिंघवी ने कहा कि मुख्य सचिव ब्रजेश मिश्र ने कहा था कि उड़ान की ऊंचाई को घटाने की जरूरत है, नहीं तो प्रतिस्पर्धा में केवल एक कंपनी ही रहेगी। इसके बाद निविदा प्रक्रिया में दिसंबर 2003 में उड़ान ऊंचाई के नियमों में ढील दी गई।
सिंघवी ने यह भी कहा कि मिलान की अदालत के फैसले में सोनिया गांधी, प्रणव मुखर्जी और अहमद पटेल के नामों का उल्लेख उन पर किसी तरह का अभियोग लगाने के लिए नहीं किया गया है, बल्कि केवल उन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करने वालों के रूप में किया गया है।
उन्होंने कहा, “इस तर्क से तो सभी पूर्व जिनमें वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी शामिल हैं, दोषी साबित होते हैं। जबकि श्रीमती गांधी का नाम उस हेलीकॉप्टर में सफर करने वाली के रूप में लिया गया है।”
वहीं, भाजपा के यादव ने 2008 की कैग रिपोर्ट के हवाले से कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री ने कहा था कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई भारत में होनी चाहिए और अभी भी मुकदमा यूरोप में चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने जिस एडब्ल्यू101 हेलीकॉप्टरों को खरीदा, उसकी बजाए किसी और हेलीकॉप्टर के दूसरे मॉडल के उपकरणों का परीक्षण किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि इस हेलीकॉप्टर की कीमत तीन गुणा ज्यादा चुकाई गई।
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि रक्षा सौदों में घोटाले की खबरों से सैनिकों का मनोबल गिरता है, इसलिए इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर इसमें कोई मुद्दा है तो इसे जल्दी से जल्दी हल किया जाना चाहिए। कृपया इसका राजनीतिकरण न करे और इसे सनसनीखेज न बनाएं।”
कई करोड़ रुपये का यह घोटाला पिछले महीने फिर से तब सामने आया, जब इटली की एक अदालत द्वारा सुनाए गए एक फैसले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई कांग्रेसी नेताओं के नाम कथिततौर पर शामिल होने की खबर आई।
अगस्तावेस्टलैंड पर आरोप है कि उसने भारतीय वायुसेना को 3,700 करोड़ रुपये के 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए कथिततौर पर 375 करोड़ रुपये रिश्वत दिए थे।
पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने भारतीय दलालों को रिश्वत दिए जाने के आरोप सामने आने पर इस सौदे को रद्द कर दिया था।
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