जयपुर, 22 मार्च| जयपुर की एक अदालत ने अजमेर शरीफ दरगाह में 2007 में हुए बम विस्फोट के दोनों दोषियों को बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
फाइल फोटो : 2007 अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले के दोषी –आईएएनएस
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने भवेश पटेल और देवेंद्र गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अदालत ने आठ मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता स्वामी असीमानंद और छह अन्य को बरी कर दिया था, जबकि तीन को दोषी करार दिया था। तीसरे अभियुक्त सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है।
अदालत ने पटेल पर 10,000 रुपये और गुप्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी किया है। दोनों दोषियों ने खुद को बेगुनाह बताया है।
पटेल के वकील लोकेश शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।”
गुप्ता ने अदालत से बाहर आते हुए मीडिया से कहा, “हम निर्दोष हैं और हमारे खिलाफ यह एक राजनीतिक साजिश है।”
अदालत ने तीनों को आपराधिक साजिश और धार्मिक भावनाएं भड़काने की मंशा से की गई गतिविधि का दोषी पाया। इसके अलावा उन्हें विस्फोटक सामग्री अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी दोषी पाया गया है।
मामले के 13 आरोपियों में से तीन अभी भी लापता हैं।
अजेमर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के परिसर में 11 अक्टूबर, 2007 को शाम करीब 6.15 बजे हुए बम विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 15 अन्य घायल हो गए थे। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews