रायपुर, 2 जून | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता अजीत जोगी ने कांग्रेस को आखिरकार अलविदा कह दिया। जोगी 6 जून को मरवाही में एक बड़ी सभा में अपनी नई पार्टी का एलान करेंगे। जोगी के प्रवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने इसकी पुष्टि की है। प्रवक्ता ने कहा कि जोगी ने अपना इस्तीफा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी नई दिल्ली को भेज दिया है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि अजीत जोगी प्रदेश के आदिवासी और पिछड़े तबके के नेता माने जाते हैं। उनके पास 10 लाख समर्थकों के फॉर्म भी पड़े हैं, जिसे उन्होंने कांग्रेस पार्टी में जमा नहीं किया है। ऐसे में ये 10 लाख लोग अजीत जोगी की नई पार्टी को एक लीड दिलाएंगे।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अजित जोगी के फैसले को उनका निजी फैसला बताया है, वहीं नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि इससे पार्टी को नुकसान कम, फायदा ज्यादा होगा।
दो-तीन दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि अजीत जोगी कांग्रेस छोड़ने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि वे लगभग 30 हजार समर्थकों की एक जनसभा में कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करेंगे। इस दौरान वह एक क्षेत्रीय दल बनाने की घोषणा भी कर सकते हैं।
नई पार्टी के लिए नींव तैयार करने के लिए पिछले कई दिनों से उनके बेटे अमित जोगी छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। ग्राम आवाज के नाम पर वह गांव-गांव घूम रहे हैं। बुधवार दोपहर वह बिलासपुर और रायगढ़ क्षेत्र के दौरे पर थे। उनका एक ही मकसद है, नई पार्टी के गठन के पहले राज्य में जोगी सबकी जुबां पर रहें।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से अजीत जोगी पार्टी में हाशिये पर रहे हैं। हाल में जोगी ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा टिकट के लिए दावेदारी भी की थी, लेकिन टिकट मिलना तो दूर कांग्रेस ने उनसे राज्यसभा सीट पर प्रत्याशी चयन के लिए चर्चा तक नहीं की।
इस वर्ष की शुरुआत में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनके विधायक पुत्र अमित जोगी को अंतागढ़ टेपकांड मामले में दोषी मानकर पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अजीत जोगी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा की गई थी। यह मामला कांग्रेस की राष्ट्रीय अनुशासन समिति के समक्ष विचाराधीन है। अब तक फैसला न होने के कारण अजीत जोगी खिन्न हैं। आला कमान से किसी प्रकार का सहयोग न मिलने के कारण खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
अजीत जोगी के पुत्र कांग्रेस से निष्कासित विधायक हैं और उनकी पत्नी डॉ. रेनू जोगी भी कांग्रेस की विधायक हैं। खुद अजीत जोगी कांग्रेस की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति इकाई के अध्यक्ष हैं। फिलहाल कांग्रेस के कम से कम 10 विधायक उनके समर्थक माने जाते हैं। इसके अलावा, बड़ी संख्या में पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और कांग्रेस में उपेक्षित अन्य नेता भी उनके साथ हो सकते हैं।
भाजपा और अन्य दलों के उपेक्षित नेता भी अजीत जोगी के साथ जा सकते हैं। भाजपा के पूर्व सांसद सोहन पोटाई के बारे में चर्चा है कि वे भाजपा छोड़कर अजीत जोगी के साथ जा सकते हैं।- आईएएनएस
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