नई दिल्ली, 26 जुलाई | एक ताजा सर्वेक्षण में सामने आया है कि अधिकतर नागरिक चाहते हैं कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और अन्य शैक्षणिक बोर्डो द्वारा स्कूल का शुल्क बढ़ाए जाने पर निगरानी रखने के लिए एक नियामक संस्था हो। सोशल नेटवर्किं ग वेबसाइट ‘लोकलसर्कल्स’ द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल लोगों का मानना है कि इस नियामक संस्था को शिक्षा की गुणवत्ता और पाठ्यक्रम विकास की भी निगरानी करनी चाहिए।
करीब 87 फीसदी लोगों ने यह भी कहा कि किसी स्कूल द्वारा शुल्क का बढ़ाया जाना गंभीर चिंता का विषय है।
सर्वेक्षणकर्ताओं ने देश में विभिन्न जिला प्रशासन से पूछताछ में पाया कि कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद स्कूलों ने शुल्क में बढ़ोतरी करनी नहीं रोकी है।
लोकलसर्कल्स ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, “कुछ जिलाधिकारियों के अनुसार, स्कूलों द्वारा शुल्क बढ़ाने पर जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है और एक नियामक गठित करने के लिए नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है।”
वक्तव्य में आगे कहा गया है, “सर्वेक्षण के परिणाम और परिजनों के सामूहिक विचार से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और राज्य के शिक्षा बोर्डो को अवगत कराया जाएगा।”
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