मुंबई, 26 अक्टूबर | फिल्म ’31 अक्टूबर’ के लेखक और निर्माता हैरी सचदेवा का कहना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा किए गए अनुचित कट की वजह से फिल्म का प्रभाव कम हुआ।
’31 अक्टूबर’ प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख दंगे पर आधारित है। इसका निर्देशन शिवाजी लोटन पाटिल ने किया है। सेंसर बोर्ड ने कुछ आपत्तिजनक दृश्यों के हटाए जाने के बाद राजनीतिक रूप से विवादास्पद इस फिल्म की रिलीज के लिए मंजूरी दी थी। यह फिल्म 21 अक्टूबर को रिलीज हुई।
फाइल फोटो : फिल्म ‘31 अक्टूबर’ के कलाकार और फिल्मकार। (आईएएनएस)
सचदेवा ने कहा, “मैंने फिल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं दिखाया है जो सच नहीं है। फिर भी सेंसर बोर्ड ने मेरी फिल्म में एक साल देरी की। उन्होंने 60 मौखिक और विजुअल दृश्य हटा दिए। मैंने सेंसर बोर्ड को कहा था कि फिल्म में कोई आपत्तिजनक दृश्य नहीं है। मैंने ‘साला’ जैसे शब्दों को साउंडट्रैक से बीप करने की बात कही थी।”
सचदेवा ने कहा कि उन्होंने कभी सीबीएफसी अध्यक्ष पहलाज निहलानी से फिल्म के बारे में बात नहीं की।
उन्होंने कहा, “मैंने केवल सेंसर बोर्ड के सदस्यों द्वारा की गई आपत्तियों के बारे में बताया था। अब मुझे लगता है कि पहलाज निहलानी से फिल्म के बारे में बात करनी चाहिए थी।”
इस फिल्म में वीर दास और सोहा अली खान मुख्य भूमिकाओं में हैं।
सचदेवा ने कहा कि सिक्ख समुदाय से हमारी फिल्म को भावनात्मक प्रतिक्रिया मिली।
उन्होंने कहा, “यह सारा घटनाक्रम इंदिरा जी के हत्या के बाद के चार दिनों का है। मेरी फिल्म में हर सिख की व्यथा को दर्शाया गया है।” –आईएएनएस
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