जयपुर, 14 जुलाई (जनसमा)। राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति विकास एवं सहकारी निगम द्वारा राज्य गरीब, बी.पी.एल. अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग, सफाई कर्मचारी एवं विकलांग व्यक्तियों को स्वरोजगार बढ़ाने के लिए रियायती दर पर दिये जाने वाले ऋण के साथ दी जाने वाली अनुदान राशि को बढ़ाने के प्रस्ताव को तैयार कर भारत सरकार को भिजवाया जायेगा। उन्होंने निगम के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये।
डाॅ. चतुर्वेदी गुरुवार को शासन सचिवालय में राज्य में भारत सरकार के राष्ट्रीय निगमों द्वारा राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति सहकारी निगम को आवंटित राशि, ऋण वितरण व्यवस्था एवं दी जाने वाली गारंटी राशि की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अनुजा निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली गारंटी राशि को प्राप्त करने के लिए वित्त विभाग के साथ बैठक कर आवश्यक कार्यवाही करें जिससे वर्ष 2016-17 में राज्य के निर्धन एवं बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार हेतु रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा सके।
उन्होंने अनुजा निगम के अधिकारियों को ऋण वसूली की विस्तार से समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि ऋण वसूली की विस्तृत कार्य योजना तैयार करें तथा अधिकारियों को ऋण वसूली के माहवार लक्ष्य आवंटित किये जाये। बैठक में प्रमुख शासन सचिव डॉ. आर. वेंकटेश्वरन ने ऋण व्यवस्था को बैंकों के माध्यम से जोड़ने पर जोर दिया जिससे बैंक ऋण देने से पहले सुनिश्चित कर सके कि ऋण लेने वाले व्यक्ति पात्र है अथवा नहीं, उन्होंने कहा कि ऋण देने के बाद निगम द्वारा बैंक को अनुदान राशि उपलब्ध करा दी जाये। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 3 प्रतिशत दर पर अनुजा निगम को ऋण राशि प्रदान करती है और अनुजा निगम गरीबों एवं बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार के लिए 6 प्रतिशत पर ऋण एवं 10 हजार रुपये की अनुदान सहायता प्रदान करता है।
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