शिमला, 14 मार्च। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि अनुराग ठाकुर को शहीदों के सम्मान और उनके परिवार के सदस्यों की भावनाओं के बजाए भारत-पाक टी-20 क्रिकेट मैच करवाने की अधिक चिंता थी।अन्हें अपनी राष्ट्रीयता व देश के प्रति प्रेम को किसी भी व्यक्ति, विशेषकर भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के सचिव अनुराग ठाकुर के समक्ष सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह टी-20 भारत-पाक क्रिकेट मैच को धर्मशाला से बदलने पर अनुराग ठाकुर के उस वक्तव्य पर, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री की राष्ट्रीयता पर सवाल उठाए थे, एक प्रेस वक्तव्य में रविवार को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहेे थे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें बीसीसीआई के सचिव को उत्तर देने का कोई भी कारण नजर नहीं आता, क्योंकि प्रदेश के लोगों, पूर्व सैनिकों और प्रदेश के शहीदों के परिजनों ने भारत-पाक के बीच मैच का विरोध किया था। पठानकोट में हिमाचली सैनिकों के शहीद होने और उसके उपरान्त, जम्मू कश्मीर के पम्पोर में सैनिकों की शाहदत और पाकिस्तानी समर्थित उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ों में भारतीय सैनिकों के शहीद होने के कारण प्रदेशवासियों व क्षेत्र के भारी संख्या में पूर्व सैनिकों के अतिरिक्त, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हिमाचल प्रदेश में भारत-पाक टी-20 मैच के आयोजन का विरोध किया।
मुख्यमंत्री ने पुनः दोहराया कि प्रदेश सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच के लिए कभी मना नहीं किया। उन्होंने कहा कि टी-20 क्रिकेट मैच को कोलकत्ता में आयोजित करने का निर्णय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड ने लिया था। उन्होंने दोहराया कि प्रदेश सरकार खिलाडि़यों को स्टेडियम व स्टेडियम के बाहर सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है, परन्तु मैच का विरोध करने वालों पर लाठीचार्ज व आंसुगैस चलाने के लिए मना किया था।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री को धर्मशाला में भारत-पाक टी-20 मैच न करवाने के लिए पत्र लिखा था। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी श्री राकेश पठानिया ने भी धर्मशाला में भारत-पाक मैच के आयोजन का कड़ा विरोध किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टी-20 विश्व कप के अन्य मैच धर्मशाला में खेले जा रहे हैं, जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सुरक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि पठानकोट व पम्पोर में आतंकी हमलों के बाद पूर्व सैनिक लीग व अन्यों ने केवल भारत-पाक टी-20 मैच के आयोजन का विरोध किया था।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के महासचिव स्वयं जानते हैं कि मैच क्यों बदला गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ बैठक के दौरान कभी भी सुरक्षा प्रदान करने मना नहीं किया, परन्तु शहीदों के परिवारों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने गृह मंत्रालय के समक्ष सरकार का रूख स्पष्ट किया था। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के नायक श्री सौरभ कालिया व श्री विक्रम बत्रा के अभिभावकों ने भी भारत-पाक मैच के आयोजन का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि ऐसे में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ ने शहीदों के परिजनों से इस विषय पर बातचीत क्यों नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे यह कहीं भी सिद्ध नहीं होता कि कौन सच्चा राष्ट्रवादी है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि अनुराग ठाकुर के लिए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ सबसे पहले है, परिवार दूसरे स्थान पर है और राष्ट्र अन्तिम प्राथमिकता है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश के लोग अच्छे व बुरे में अन्तर को भलीभांति समझते हैं। उन्होंने कहा कि यह अनुराग ठाकुर के लिए अच्छा होता कि वे इस मामले पर प्रदेश सरकार पर दोष देने से पहले पूर्व सैनिकों की भावनाओं को समझते और उनका सम्मान करते।
मुख्यमंत्री ने तिरंगा यात्रा को बचकाना निर्णय करार देते हुए कहा कि इससे अच्छा यह होता कि यदि बीसीसीआई सचिव पाकिस्तानी झंडा भी उठाते। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर ने इससे पूर्व भी तिरंगा यात्रा की थी, परन्तु इससे यह सिद्ध नहीं होता कि एक मात्र श्री अनुराग ठाकुर ही सच्चे राष्ट्रवादी हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं को किचड़ उछालने व दूसरों पर दोषारोपण करने की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि एचपीसीए अनुराग ठाकुर के लिए पैसा कमाने वाली कम्पनी हैै और उससे हुए घाटे को वे अपना व्यक्तिगत घाटा मान रहे हैं।
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