भोपाल, 9 अगस्त (जस)। मध्यप्रदेश में एकीकृत बाल विकास योजना में आई.टी. आधारित कार्य-प्रणाली अपनाने के लिये अब आँगनवाड़ी केन्द्रों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। आईसीडीएस बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं की समग्र जरूरतों को पूरा करने वाली एक महत्वपूर्ण योजना है। इसमें प्रदान की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर पर्यवेक्षण के लिये वास्तविक समय निगरानी व्यवस्था मजबूत करने के लिये आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन और सुपरवाइजरों को टेबलेट प्रदान किये जायेंगे।
स्निप योजना में प्रदेश के हाई बर्डन 15 जिले, जहाँ कुपोषण का स्तर लगातार अधिक बना हुआ है, खण्डवा, बड़वानी, उज्जैन, शाजापुर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना, कटनी, डिण्डोरी, राजगढ़, विदिशा, सीधी, उमरिया, दमोह और पन्ना जिले को इन्फार्मेरेशन एण्ड कम्युनिकेशन टेक्नालॉजी इनेबल्ड रीयल टाइम मॉनीटरिंग की कार्यवाही के लिये चुना गया है। इन 15 जिले में 12 हजार 500 आँगनवाड़ी-केन्द्र का चयन किया गया है। सभी आँगनवाड़ी-केन्द्र में आईसीटी-आरटीएम मोबाइल समाधान प्रदान करेगा। यह आईसीडीएस-सीएएस नामक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित है।
राज्य सरकार द्वारा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आई.टी. आधारित प्रणाली अपनाने में मदद के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रत्येक आँगनवाड़ी के क्षेत्र में आईसीडीएस लाभार्थियों का नाम के आधार पर पंजीयन किया जा सकेगा। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार के लिये मोबाइल फोन में कार्य से जुड़े जॉब एड और सहायक सामग्री जैसे गर्भवती महिलाओं के लिये पोषण परामर्श आदि की जानकारी उपलब्ध होगी। आईसीडीएस-सीएएस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा हितग्राहियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की समयबद्धता और उनकी गुणवत्ता की निगरानी की जा सकेगी। साथ ही बच्चों और महिलाओं को स्वच्छ, पोषण और स्थानीय रूप से स्वीकार्य खाना उपलब्ध करवाया जा सकेगा।
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