वाशिंगटन, 7 अक्टूबर | भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका ने एक बार फिर कहा कि कश्मीर दो दक्षिण एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने गुरुवार को यहां एक दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “कश्मीर मुद्दे पर हमारा रुख नहीं बदला है। हम चाहते हैं कि इसका समाधान दोनों पक्ष आपसी बातचीत से निकालें।”
उन्होंने कहा, “हम यह भी चाहते हैं कि दोनों पक्षों के बीच जारी तनाव दूर हो और उनके बीच सार्थक वार्ता हो, जिसके जरिये वे द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान ढूंढ सकें।”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जबकि भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ‘लांच पैड्स’ को निशाना बनाकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद दोनों देशों के संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं।
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भारत ने 18 सितंबर को जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद ये सर्जिकल स्ट्राइक्स किए, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए।
ये हमले कश्मीर में आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद नौ जुलाई से जारी अशांति व तनाव के बीच हुए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले माह संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान भारत पर कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि पाकिस्तान को राज्य नीति के तौर पर आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देना चाहिए और बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन से बचना चाहिए।
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