हैदराबाद, 24 जून | भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने शुक्रवार को दोहराया कि अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने की भारत की कोशिशों को अपना पूरा समर्थन दिया है। रिचर्ड ने कहा कि अमेरिका, भारत के साथ परमाणु सहयोग और उसे एनएसजी में शामिल कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
48 सदस्यीय एनएसजी दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित एक सम्मेलन में भारत की सदस्यता पर कोई निर्णय लेने में विफल रहा, विशेषकर चीन के आपत्ति जताने की वजह से। चीन ने यह कहते हुए भारत की एनएसजी सदस्यता का विरोध किया है कि उसने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
रिचर्ड ने भारत की एनएसजी सदस्यता पाने की कोशिशों पर चीन के विरोध पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
रिचर्ड ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, “यह चर्चा जारी है, इसलिए मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। देखते हैं कि वे इसे कैसे सुलझाते हैं।”
उन्होंने कहा कि वे एनएसजी बैठक के नतीजों का इंतजार करेंगे।
रिचर्ड ने कहा, “हमने एनएसजी सदस्यता पाने की भारत की कोशिश में हरसंभव स्तर पर उसका समर्थन किया और इसे जारी रखेंगे।”
यह पूछे जाने कि क्या भारत को एनएसजी सदस्यता न मिलने से भारत-अमेरिका के परमाणु समझौते पर असर पड़ेगा? उन्होंने कहा, “मैं निराधार सवालों का जवाब नहीं देना चाहता।”
उन्होंने कहा, “हम परमाणु सहयोग के लिए समर्पित हैं। हम इस व्यवस्था के प्रति समर्पित हैं और हम भारत को एनएसजी में शामिल कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” –आईएएनएस
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