वाशिंगटन, 7 जून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा अमेरिका दौरे के दौरान ओबामा सरकार ने भारत को उसकी 200 से ज्यादा दुर्लभ सांस्कृति प्रतिमाएं लौटा दीं। इन प्रतिमाओं में गणपति की पीतल की मूर्ति भी शामिल है। मोदी ने यहां सोमवार रात एक समारोह के दौरान इन बहुमूल्य प्रतिमाओं को भारत को लौटाए जाने पर आभार जताया।
अपने पांच देशों के दौरे के चौथे चरण के तहत सोमवार को अमेरिका पहुंचे मोदी ने कहा, “हम हमें हमारी संस्कृति का हिस्सा लौटाने के लिए अमेरिका की सरकार एवं राष्ट्रपति के बहुत आभारी हैं। यह विरासत हमें भविष्य के लिए प्रेरित करती है।”
उन्होंने कहा, “आमतौर पर भेंट देशों को करीब लाती है, लेकिन कभी कभी विरासत या धरोहर दो देशों को करीब लाती है। बीते दो वर्षो में विभिन्न देशों ने भारत को उसकी चोरी हुईं सांस्कृति धरोहर लौटाने की कोशिश की है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप की ट्वीट के अनुसार, मोदी ने कहा, “मैं भारत की धरोहर के प्रति संवेदनशीलता दिखाने के लिए अमेरिका की सरकार का आभारी हूं। इससे भारतीयों के बीच बहुत सम्मान उत्पन्न होगा।”
इससे पूर्व, विकास स्वरूप ने लौटाई गईं कलाकृतियों की तस्वीरों के साथ पोस्ट में लिखा, “गणेश की पीतल की मूर्ति से लेकर बाहुबली की जैन मूर्ति मिली। यहां लौटाई गईं सांस्कृतिक कलाकृतियों की कुछ तस्वीरें हाजिर हैं।”
इससे पूर्व अमेरिका की अटॉर्नी जनरल लोरेटा लिंच ने सांस्कृति संपदा के प्रत्यावर्तन समारोह को संबोधित करते हुए कहा था, “हमने आज (सोमवार) चोरी हुई 200 से ज्यादा सांस्कृति चीजें भारत को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की।”
मोदी ने बाद में वाशिंगटन में प्रबुद्ध मंडल से बातचीत की थी।
विकास स्वरूप ने इस मुलाकात का एक फोटो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “विदेश नीति को आकार देने वालों के मन को टटोल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में प्रबुद्ध मंडल से बातचीत की।”
यह पिछले दो वर्षो में मोदी का चौथा अमेरिका दौरा है। –आईएएनएस
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