अमेरिकी नवाचार, भारतीय मानव संसाधन साझेदारी से दोनों का भला : मोदी

वाशिंगटन, 8 जून | सुधार जारी रखने और कर नीतियों के सरलीकरण के वादे और कर चोरी सख्ती से रखने के संकेत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी उद्योग जगत को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि अमेरिकी नवाचार और भारतीय मानव संसाधन की साझेदारी से दोनों का भला होगा। अपने सम्मान में अमेरिका-भारत व्यापार परिषद द्वारा यहां आयोजित एक गाला में मोदी ने समृद्ध देशों को भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की वस्तुओं और सेवाओं के लिए अपनी सीमाएं खोलने की भी अपील की।

मोदी ने कहा, “भारत एक युवा और मेहनतकश आबादी के साथ दुनिया भावी मानव संसाधन केंद्र है। मेरी नजर में अमेरिकी पूंजी और नवाचार और भारतीय मानव संसाधन और उद्यमिता के बीच एक शक्तिशाली साझेदारी हो सकती है।”

मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि इस साझेदारी से हम दोनों की अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी।” इस दौरान पेप्सिको, मास्टर कार्ड, वारबर्ग पिनकस, लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, वेस्टिंगहाउस, इंटेलसैट, इमर्सन और 8मिनट एनर्जी जैसी विख्यात कंपनियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

मोदी ने यह भी कहा, “हम पनी कर नीतियों का अधिकाधिक सरलीकरण करते रहेंगे।”

इससे पहले अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में सितंबर 2014 के बाद से 28 अरब डॉलर निवेश किया है और न्यूनतम अनुमान के मुताबिक वे 45 अरब डॉलर अतिरिक्त निवेश करने वाले हैं।

अमेजन डॉट कॉम के संस्थापक और जेफ बेजोस ने कहा कि कंपनी भारत में 2014 में दो अरब डॉलर की घोषणा के बाद तीन अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेगी और कंपनी ने भारत में 45 हजार रोजगार पैदा किए हैं।

मोदी ने कहा, “मुझे पता है कि लाइसेंसिंग नीति के कारण कभी-कभी भारत के रक्षा क्षेत्र में निवेश करने की प्रक्रिया काफी धीमी हो जाती है। हम रक्षा क्षेत्र के लिए और सरल तथा सक्षम परियोजना लाइसेंसिंग पद्धति की खोज कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में हम वाशिंगटन से छह परमाणु रिएक्टर खरीद रहे हैं, जो हमारे परमाणु और वैज्ञानिक सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करेगा। मुझे अत्यधिक खुशी हुई जब जीई नए उदारीकृत रेलवे क्षेत्र में बड़ा निवेश करने वाली एक बड़ी कंपनी के रूप में सामने आई।”        –आईएएनएस