अरहर की खेती

अरहर की खेती से किसानों को हो रही अतिरिक्त आमदनी

अरहर की खेतीअरहर की खेती करके जशपुर जिले के किसान मोहर राम, दिलीप एवं श्यामलाल अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे है।

छत्तीसगढ़ राज्य में दलहन तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए नित नए उपाय किए जा रहे है।

जिले के दूरस्थ अंचलों में निवास करने वाले किसानों को कृषि के साथ-साथ अन्य फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिले के किसान चाय, काफी, काजू, लीची, नाशपत्ती, मिर्च एवं आलू की खेती करके अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे है और आत्मनिर्भर बन रहे है।

किसानों को राज्य शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लाभांवित किया जा रहा है।

अरहर की खेती करके जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम बहनाटांगर के किसान श्यामलाल, बगीचा विकासखंड के ग्राम बम्बा के किसान  मोहर राम और जशपुर विकासखंड के ग्राम आरा के दिलीप कुमार साय  अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे है।

इन किसानों को कृषि विभाग द्वारा निःशुल्क अरहर का बीज उपलब्ध कराया गया है। किसान  दिलीप कुमार साय ने बताया कि लगभग 8 एकड़ में 8 किसान मिलकर खेती कर रहे हैं। जिससे उनको साल में तीन लाख 50 हजार की आमदनी हो जाती है।

कृषि विभाग के आत्मा येाजना के अंतर्गत अरहर फसल प्रदर्शन क्षेत्र के तहत् जिले में कुल 947 एकड़ में अरहर लगाने का लक्ष्य था।

खरीफ सीजन वर्ष में एक हजार 214 किसानों ने 947 एकड़ में अरहर फसल लगाया है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को 4 लाख 62 हजार रूपए की 75.76 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है।