लुइसविले (केंटकी), 10 जून | महान मुक्केबाज मोहम्मद अली को अंतिम विदाई देने हजारों लोगों का हुजूम यहां उमड़ा, जिनका बीते शुक्रवार को 74 साल की उम्र में निधन हो गया था। अली का दो दिवसीय अंतिम संस्कार गुरुवार को फ्रीडम हॉल में शुरू हुआ, जहां उन्होंने अपने मुक्केबाजी करियर के शुरुआती दिनों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। उनके जनाजे में शामिल होने के लिए करीब 14,000 नि:शुल्क टिकट बांटे गए थे।
फोटो: सैंट आर्टिस्ट मानस कुमार साहू ने उड़ीसा के पुरी बीच पर 8 जून, 2016 को मोहम्मद अली की रेत से कलाकृति बनाकर उनको श्रद्धांजलि दी। (आईएएनएस)
अंतिम संस्कार के दूसरे दिन शुक्रवार को उनकी शवयात्रा उनके गृहनगर लुईसविले से 22,000 सीटों की क्षमता वाले बास्केटबाल अरेना केएफसी यम! सेंटर तक होगी, जहां उन्हें लोगों की ओर से अंतिम विदाई दी जाएगी।
सीएनएन के अनुसार, अली के प्रवक्ता बॉब गुनेल ने बताया कि इस अवसर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पत्रकार ब्रयांट गुमबेल, हास्य कलाकार व अली के मित्र बिली क्रस्टल भी मौजूद रहेंगे।
एबीसी न्यूज के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एरडोगन, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय भी लुईसविले में अली को श्रद्धांजली देने पहुंचेंगे।
1942 में जन्मे अली इस्लाम कबूल करने से पहले ‘कैसियस क्ले’ के नाम से जाने जाते थे। उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में मुक्केबाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था और 1960 में रोम ओलम्पिक में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
अली के नाम 56 जीतें और महज पांच हार दर्ज हैं, जिनमें से 37 नॉकआउट थीं। द ग्रेटेस्ट के उपनाम से मशहूर अली पहले ऐसे मुक्केबाज हैं, जिन्हें विश्व की प्रसिद्ध मुक्केबाजी पत्रिका द रिंग ने पांच बार फाइटर ऑफ द ईयर का नाम दिया था।
वह तीन बार हैवीवेट चैम्पियन बनने वाले इकलौते मुक्केबाज भी हैं। उन्होंने 1964, 1974 और 1978 में ये खिताब हासिल किए थे।
वह 25 फरवरी से 19 सितंबर 1964 तक बिना किसी विवाद के हैवीवेट चैम्पियन रहे थे, जबकि एक खेल पत्रिका ने उन्हें ‘स्पोर्ट्समैन ऑफ द सेन्चुरी’ का खिताब दिया था। बीबीसी ने उन्हें ‘स्पोर्ट्स पर्सनलटी ऑफ द सेन्चुरी’ का खिताब दिया था। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews