कोलकाता, 17 सितम्बर | भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा अपनी टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ अपने तालमेल से खुश हैं। साहा को उम्मीद है कि दोनों खिलाड़ियों के बीच बना बेहतर सामंजस्य भविष्य में टीम के लिए फायदेमंद साबित होगा।
भारत को अगले सप्ताह न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है जिसका पहला मैच कानपुर में 22 सितंबर से खेला जाएगा।
साहा ने हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे पर सेंट लुसिया में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में अपना पहला शतक जड़ा था। उन्होंने इस मैच में 104 रनों की पारी खेली थी और अश्विन के साथ छठे विकेट के लिए 213 रनों की साझेदारी कर टीम को संकट से उबारा था। अश्विन ने इस मैच में 118 रनों की पारी खेली थी। भारत यह मैच 237 रनों से अपने नाम करने में सफल रहा था।
साहा ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “अश्विन मुझसे पहले से खेल रहे हैं, लेकिन हां पिछली तीन-चार श्रृंखलाओं जिनका मैं हिस्सा रहा हूं तब से हमारे बीच सामंजस्य बढ़ा है। मुझे उम्मीद है कि इससे टीम को फायदा होगा।”
साहा ने कहा, “मैं कई बार उन्हें बताता हूं कि किस लाइन पर गेंदबाजी करनी है, कौन सी जगह सही है और किस बल्लेबाज को किस जगह गेंद डालनी है। बल्लेबाजी में मैं उस पारी के बारे में बता सकता हूं। उन्होंने मुझसे कहा था कि खराब गेंद का इंतजार करो और समय लो। हम यही कर रहे थे। विकेटकीपिंग करते हुए मेरी और अश्विन की आपसी समझ ने हमें विकेट के बीच दौड़ने में भी काफी फायदा पहुंचाया है।”
साहा के अनुसार अश्विन, रवींद्र जडेजा और अमित मिश्रा की तिकड़ी में अश्विन की गेंदबाजी पर विकेटकीपिंग करना सबसे मुश्किल है।
साहा ने कहा, “स्पिन की मददगार पिचों पर उन्हें उनकी लंबाई के कारण अच्छी स्पिन और उछाल मिलती है। जडेजा की गेंद हमेशा स्पिन नहीं करती और अमित की गेंद धीमी होती है जिसमें उछाल नहीं होती।”
वहीं तेज गेंदबाजों में साहा को उमेश यादव के खिलाफ मुश्किल पेश आती है। साहा ने कहा, “उमेश लगातार तेज गेंद फेंकते हैं। हालांकि यह उनके स्पेल पर भी निर्भर करता है। कई बार वह जिस तरह का उछाल पैदा करते हैं उससे भी मुश्किल होती है। ईशांत भी काफी तेज हैं।”
साहा का टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक 22 पारियों के बाद आया। उन्होंने पिछले साल श्रीलंका दौरे पर दो अर्धशतक बनाए थे। वेस्टइंडीज दौरे पर पहले दो टेस्ट मैचों में उन्होंने 40 और 47 रन बनाए थे।
विकेटकीपरों से बेहतर बल्लेबाजी की उम्मीद पर साहा ने कहा, “मैं अपनी बल्लेबाजी पर भी ध्यान दे रहा हूं, हालांकि मैंने ज्यादा बड़ी पारियां नहीं खेली हैं। मैं टीम में अपना योगदान देना चाहता हूं और वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। मैं जानता हूं कि बल्लेबाजी महत्वपूर्ण है, लेकिन मैं सबसे पहले अपने आप को विकेटकीपर मानता हूं क्योंकि मैं टीम में इसी वजह से हूं।”
साहा ने कहा कि कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली ने उनका काम आसान कर दिया है। साहा ने कहा, “वह हमेशा मुझसे कहते थे कि शतक करीब है। मैंने जब पहला शतक लगाया था तो पूरी टीम खुश थी।”
साहा ने कहा, “अनिल भाई जानते हैं कि खिलाड़ियों के साथ कैसे पेश आना है। वह हमेशा बताते हैं कि मैच में किस तरह से उतरना चाहिए। वह ज्यादा कुछ बदलने की कोशिश नहीं करते। उनका मानना है कि हम सभी को अपना स्वाभविक खेल खेलना चाहिए।”
साहा को न्यूजीलैंड टीम को परखने के लिए ज्यादा समय नहीं मिला क्योंकि किवी टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थी। हालांकि उनका मानना है कि दोनों देशों के लिए श्रृंखला आसान नहीं है लेकिन भारत को घरेलू परिस्थतियों में खेलने का फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा, “हमें स्पिन की मददगार पिचों पर अच्छा खेलने की जरूरत है। किवी टीम संभवत: दो स्पिन गेंदबाजों और एक हरफनमौला खिलाड़ी के साथ खेले, जबकि हमें तीन स्पिन गेंदबाजों का फायदा मिलेगा। हमें मेजबान होने का फायदा मिलेगा। उन्हें भारतीय हालात के साथ तालमेल बिठाना पड़ेगा।”
साहा ने इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो और श्रीलंका के दिनेश चांडिमल को इस समय के दो बेहतरीन विकेटकीपर बताया है।
देबयान मुखर्जी===
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