असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के लिए गुजरात में वेब पोर्टल और एक मोबाइल ऐप

 

असंगठित क्षेत्र

असंगठित क्षेत्र के मजदूर

नीलेश शुक्ला * ==== गुजरात सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने के लिए ई-निर्माण वेब पोर्टल और एक मोबाइल ऐप शुरू किया है।

इसके तहत रजिस्ट्रेशन कराने वाले मजदूरों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे।

मु्ख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने इस कदम से आलोचकों को करारा जवाब दिया है कि उनके नेतृत्व में राज्य सरकार विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सुनियोजित तरीके से कार्य करने में सक्षम है। ताउते चक्रवात के दौरान भी गुजरात सरकार ने सुशासन की मिसाल कायम की है।

मु्ख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ‘ई-निर्माण’ पोर्टल और UWIN मोबाइल ऐप लॉन्च किया। राज्य में असंगठित क्षेत्र के 9.20 लाख मजदूर पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं और उन्हें यू-विन कार्ड भी दे दिए गए हैं।

असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों को कई बार अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अपनी दिहाड़ी का काम छोड़ना पड़ता था इसलिए राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने का फ़ैसला किया।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिये अब कामगारों के पास यह विकल्प है कि वो चाहें तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं या फिर किसी कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर खुद को रजिस्टर करा सकते हैं।

यू-विन कार्ड धारक मजदूर बीमा, अस्पतालों की सेवा लेने के लिए ‘मां अमृतम’ योजना और ‘श्रमिक अन्नपूर्णा योजना’ के तहत सस्ते भोजन जैसी कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

अब तक, श्रमिकों को अपना पंजीकरण कराने के लिए 33 जिलों में डेज़िग्नेटेड कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन अब 21,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर पंजीकरण और स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए अधिकृत हैं।

ई-निर्माण पोर्टल और मोबाइल ऐप के साथ, गुजरात सरकार किसी भी मज़दूर के डेटा की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर सकती है। इसे सीधे तौर  पर सीएम डैशबोर्ड के साथ जोड़ा जाएगा। असंगठित श्रमिक पहचान संख्या या UWIN एक यूनीक नंबर है जो गुजरात राज्य में असंगठित श्रमिकों को पहचान के प्रमाण के रूप में जारी किया जाएगा।

गुजरात सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य के असंगठित वर्ग के लिए “श्रमशक्ति पहचान” के तहत UWIN स्मार्ट आईडी कार्ड जारी करने की योजना शुरू की है।

स्मार्ट एप्लिकेशन के जरिये प्रत्येक वर्कर को पंजीकृत किया जाना अनिवार्य है। एक बार पंजीकरण हो जाने के बाद हर मज़दूर को स्मार्ट आईडी कार्ड जारी किया जाएगा।

इन दो पहलों के अलावा, राज्य सरकार NREGA योजना के तहत रोजगार भी प्रदान करती है। कोविड महामारी लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से लौटे कई श्रमिकों को इसके तहत नौकरी मिलती है जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं।

प्रमुख क्षेत्रों में रूपाणी सरकार की उपलब्धियों ने पार्टी के भीतर और बाहर सभी नेताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुजरात को 2020-21 में कुल 30.23 अरब अमेरिकी डॉलर का FDI मिला है।

गुजरात लगातार चौथे साल देश में शीर्ष स्थान पर है। FDI में 37 फीसदी हिस्सेदारी के साथ गुजरात अन्य सभी राज्यों से आगे है।

 गुजरात सभी भारतीय राज्यों में जल प्रबंधन में शीर्ष पर है (SSJA, नल से जल, डिसेलिनेशन प्लांट)। अभी हाल ही में राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार ने पहली किश्त के तौर पर गुजरात को 852.65 करोड़ रुपए जारी किए हैं।

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए गुजरात को जल जीवन मिशन के तहत 3411 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। मार्च 2022 तक 10 लाख घरों को नल से जल के तहत जोड़ने की योजना है।

गुजरात सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी है। (रूफटॉप योजना, और सौर-पवन पार्क) इस क्षेत्र में गुजरात अन्य राज्यों से बहुत आगे है। वर्ष 2015 की नीति की सफलता के बाद नई सौर नीति में कई नए खंड जोड़े गए हैं।

नई नीति के तहत,  सौर ऊर्जा को उद्योगों के बीच व्यापक रूप से उपयोगी बनाने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। इससे उद्योगों की उत्पादन लागत कम होगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। परिणामस्वरूप, धीरे-धीरे मेड इन गुजरात वस्तुओं की मांग बढ़ेगी।

रूपाणी ने 7 अगस्त 2016 से गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। वह पांचवें ऐसे सीएम हैं जिन्होंने गुजरात में कुल 16 सीएम में से चार से अधिक की अवधि के लिए यह पदभार संभाला है। वर्ष 2022 में गुजरात सहित 7 राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं।

राज्य में 1995 से बीजेपी की सरकार है। गुजरात में विपक्ष बहुत कमजोर है और आम आदमी पार्टी अगले साल के चुनाव में गुजरात के लोगों का दिल नहीं जीत पाएगी। इसलिए गुजरात, भाजपा के लिए पूरे देश में एकमात्र सुरक्षित राज्य होगा। यदि बीजेपी गुजरात में अगला चुनाव भी जीतती है तो निश्चित रूप से इसका श्रेय मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को मिलेगा।

*लेखक गुजरात सरकार के नई दिल्ली स्थित गुजरात भवन कार्यालय में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक हैं।