सबाह (मलेशिया), 13 जनवरी। लोक सभा अध्यक्ष, श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में प्रत्येक मुद्दे पर बातचीत की जा सकती है तथा चर्चा, वाद-विवाद और असहमति व्यक्त करने के लिए सभा (संसद) से बेहतर कोई मंच नहीं है।
राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 23वें सम्मेलन में भाग लेते हुये श्रीमती महाजन ने इस बात पर जोर दिया कि लोक हित में व्यवधान और निर्णय करने की परेशानियों से बचने के लिये अनुशासन और शालीनता बहुत जरूरत है । उन्होंने कहा कि सांसदों को क्षमता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से शक्ति सम्पन्न बनाया जाना चाहिये ताकि वे अपने मतदाताओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाकर लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान दे सकें ।
उन्होंने कहा कि संसद सदस्यों पर संसद में वाद-विवाद और चर्चा को ज्ञानप्रद बनाने की जिम्मेदारी रहती है और उन्हें सार्थक योगदान देते रहना चाहिए क्योंकि संसद की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के इस युग में उनके कामों पर चौबीसों घंटे जनता की नजर रहती है। सांसद को जानकारी की आवश्यकता के साथ-साथ उसके सामने प्रक्रिया संबंधी बहुआयामी चुनौतियां भी होती हैं । सदस्यों के पास विशिष्ट संसदीय मामलों के बारे में कार्यवाही करने के लिए उपलब्ध समय बहुत सीमित होता है इसलिए उनका काम और भी मुश्किल हो जाता है ।
उन्होंने कहा कि भारत में संसदीय अध्ययन तथा प्रशिक्षण ब्यूरो संसदीय संस्थाओं, पद्धतियों और प्रक्रियाओं के बारे में सुव्यवस्थित प्रशिक्षण, प्रबोधन तथा समस्या आधारित और व्यावहारिक अध्ययनों की जरूरतों को पूरा करता है। समकालीन विषयों पर व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है जो समस्याओं को और अधिक प्रभावी तरीके से समझने में सदस्यों की मदद करते हैं। लोक सभा सचिवालय में एक विशिष्ट शोध, संदर्भ और ग्रंथालय सेवा है जो संसद सदस्यों को नियमित रूप से सहायता प्रदान करती है । जहां एक ओर शोध सेवा वर्तमान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में सदस्यों को लगातार जानकारी देने का प्रयास करती है, वहीं सदस्य संदर्भ सेवा सदस्यों द्वारा निर्धारित समय के भीतर उन्हें तथ्यात्मक, निष्पक्ष और अद्यतन जानकारी प्रदान करने की व्यवस्था करती है ।
उन्होंने बताया कि गत जुलाई में संसद में अध्यक्षीय शोध कदम (अशोक) नाम से एक नई पहल शुरु की गई जिसके तहत सांसदों को महत्वपूर्ण विषयों से जुड़े मुद्दों को गहनता से समझने और उनकी मदद के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शोध जानकारी की मांग को पूरा किया जा रहा है ।
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