नई दिल्ली, 09 दिसंबर। आंदोलनकारी किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द किये जाएँ।
आंदोलनकारी किसान नेताओं ने साफ कर दिया कि तीनों कानून सरकार वापस ले अन्यथा वे गोली खाने को भी तैयार है।
सरकार के संशोधन प्रस्ताव को रद्द करने की घोषणा करते हुए किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा कि वे यहां से तब तक नहीं हटेंगे जब तक कि उनकी मांग स्वीकार नहीं कर ली जाती।
आंदोलनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं पर सिंघू, टिकरी और गाजीपुर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कारण यातायात बुरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है और आम लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार पहले तीनों कृषि बिल वापस ले और किसानों से बात करके नया बिल लेकर आए।
किसान नेताओं ने साफ किया कि वे दिल्ली कूच करेंगे और 12 दिसंबर को दिल्ली जयपुर हाईवे जाम कर देंगे।
किसान एक दिन के लिए टोल प्लाजाओं पर आंदोलन करेंगे तथा किसान जिला मुख्यालय पर मोर्चा निकालेंगे ,भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों का घेराव करेंगे।
आंदोलनकारी किसान नेताओं का कहना है कि जब तक तीनों बिल वापस नहीं होंगे कोई बातचीत नहीं हो सकती।
मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और किसान नेताओं के बीच बातचीत से लगा था कि शायद बात बन जाए।
अमित शाह ने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों के संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और उन्हें भेजा जाएगा और प्रस्ताव भेजा गया किन्तु किसान नेताओं ने आज उसे अस्वीकार कर दिया।
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