नई दिल्ली, 10 फरवरी (जनसमा)। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) अब दक्षिण एशिया में अपने पैर जमाने की रणनीति बना रहा है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की-मून ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में जो रिपोर्ट पेश की है उससे यह चिंता बढ़ गई है कि आईएस के इरादे उन इलाकों में पहुंच बढ़ाना है जहां उसके हमदर्द नहीं हैं।
बान की रिपोर्ट के अनुसार, दिसम्बर 2015 के मध्य तक 34 संगठन आईएसआईएस के प्रति अपनी हमदर्दी जता चुके हैं और 2016 में आईएसआईएस से जुड़ने वालों संगठनों में और बढोत्तरी हो रही है।
बान की-मून ने सुरक्षा परिषद में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है कि पाकिस्तान में तहरीक-ए-खिलाफत जैसे संगठनों के माध्यम से आईएस दक्षिणी एशिया में अपने मंसूबे को अंजाम देने का प्रयास कर रहा है। अब सब यह जानते हैं कि इराक और सीरिया में एक बड़े इलाके पर आईएस ने कब्जा जमा लिया है।
बान ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘आईएसआईएस का पश्चिमी और उत्तरी अफ्रीका, मध्यपूर्व, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में बढ़ता प्रभाव बताता है कि बीते 18 महीने में ही इस खतरे की गंभीरता किस हद तक बढ़ गई है।”
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