वाशिंगटन, 01 अप्रैल (जनसमा)। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए रात्रिभोज में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकारों द्वारा परमाणु तस्करों और आतंकवादियों के बीच काम करना मौजूदा दौर का सबसे बड़ा खतरा है। आतंकवाद की पहुंच और आपूर्ति चेन वैश्विक है, लेकिन देशों के बीच वास्तविक सहयोग बिल्कुल नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद 21वीं सदी की तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। आतंकवाद का नेटवर्क पूरी दुनिया में है, लेकिन हम इस चुनौती से सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर लड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के कृत्यों की रोकथाम और कार्रवाई के बिना परमाणु आतंकवाद को रोका नहीं जा सकता। उन्होंने हर किसी से इस धारणा को त्यागने की अपील की कि आतंकवाद किसी और की समस्या है और ‘उसका’ आतंकवाद ‘मेरा’ आतंकवाद नहीं है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा दिए गए रात्रिभोज के दौरान परमाणु सुरक्षा के खतरों पर अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने परमाणु सुरक्षा के मुद्दे को उठाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा करके वैश्विक सुरक्षा के लिए महान सेवा की है।
श्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के तीन समकालिक लक्षणों पर ध्यान देने का आह्वान कियाः पहला, आज का आतंकवाद थिएटर की तरह अति हिंसा का इस्तेमाल करता है।
दूसरा, हम आज गुफा में छिपे एक आदमी को तलाश नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम एक शहर में एक आतंकवादी की खोज कर रहे हैं जिसके पास कंप्यूटर और स्मार्टफोन है। तीसरा, कई देशों की सरकारें परमाणु तस्करों और आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, जिससे सबसे बड़ा खतरा पैदा हुआ है।
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