नई दिल्ली, 02 फरवरी (जनसमा)। “आतंकवाद को किसी भी धर्म के साथ जोड़ना गलत है। अगर हम आतंकवाद को किसी धर्म से जोड़ेगे तो आतंकवादी अपने मकसद में सफल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता और साम्प्रदायिकता शब्दों का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल रोका जाना चाहिए।”
यह बात केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज नई दिल्ली में आतंकवाद के खिलाफ भारत के युवा प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक में कही।
नकवी ने कहा कि भारत में सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता का एक अनिवार्य हिस्सा है। हमें इस लोकतांत्रिक विरासत की रक्षा करनी है और धर्मनिरपेक्षता को समाज की प्रगति, भाईचारे और एकता के लिए एक हथियार के रूप में उपयोग करना है।
मंत्री ने कहा कि भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक विशेषता के लिए ‘‘चयनात्मक धर्मनिरपेक्षता’’ सबसे बड़ी समस्या है। धर्मनिरपेक्षता को समाज में एकता और सदभाव को मजबूत करने के लिए एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ ‘’धर्मनिरपेक्षता के राजनैतिक चैम्पियनों’’ ने धर्मनिरपेक्षता की मूल भावना को प्रभावित किया है।
श्री नकवी ने कहा कि हमारा देश सवैंधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के माध्यम से कार्य करता है ना कि ‘’धार्मिक फतवो या बातों से’’।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए युवाओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। युवाओं को आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘’जारूकता युद्ध’’ शुरू करना होगा।
Follow @JansamacharNews