मॉस्को, 18 अप्रैल | विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है और विभिन्न देश इसके खिलाफ लड़ाई में दोहरा मानदंड नहीं अपना सकते। सुषमा ने रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की 14वीं बैठक के दौरान ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, “अगर हम आतंकवाद के खिलाफ निपटने में दोहरे मापदंड अपनाते रहेंगे, तो यह न सिर्फ हमारे देशों के लिए बल्कि पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर खतरा होगा।”
सुषमा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह मुद्दा तत्काल हल होना चाहिए और उन्होंने इसके लिए चीन और रूस का समर्थन मांगा।
उन्होंने कहा, “इस संबंध में कुछ सकारात्मक गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। पहली बार इस मुद्दे से संबंद्ध मसौदे को अंतरसरकारी (आईजीएन) वार्ता की मेज पर रखा गया। मैं इस मुद्दे पर अपने चीनी और रूसी सहयोगियों से समर्थन मांगती हूं ताकि आईजीएन की प्रक्रिया आगे बढ़े।”
वैश्विक अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती पर भारतीय मंत्री ने कहा कि तीन बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं भारत, रूस और चीन का एक जैसा ही दृष्टिकोण है और ‘हमारे दृष्टिकोणों का समन्वय’ होने से फायदा हो सकता है।
सुषमा ने इस साल गोवा में अक्टूबर में होने वाले ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीक) सम्मेलन में सभी संबद्ध पक्षों से सक्रिय भागीदारी करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि गोवा में अक्टूबर में होने वाला ब्रिक्स सम्मेलन सफल रहेगा।”
(आईएएनएस)
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