नई दिल्ली, 21 अप्रैल | भारत ने चीन से दो टूक कहा है कि आतंकवाद से निपटने के मामले में दोहरा मापदंड नहीं हो सकता। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नई दिल्ली द्वारा संयुक्त राष्ट्र की आंतकवादियों की सूची में मसूद अजहर का नाम शामिल करवाने के प्रयासों में चीन द्वारा अडं़गा लगाने के बाद चीन के प्रति भारत के विरोध के मद्देनजर यह टिप्पणी सामने आई है।
अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस ने मसूद अजहर पर भारत के कदम का पुरजोर समर्थन किया था।
पर्रिकर ने कहा कि अपने चीन दौरे के दौरान उन्होंने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “मैंने दो टूक कहा कि आतंकवादियों के मामले में दोहरा मापदंड नहीं चल सकता। सभी आतंकवादी एक समान हैं और उनसे एक ही तरीके से निपटने की जरूरत है।”
रक्षा मंत्री ने नौसेना कमांडरों के सम्मेलन से इतर यहां संवावादाताओं से ये बातें कहीं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष इस सप्ताह मॉस्को में यह मुद्दा उठाया था।
अपने चीन दौरे के बारे में बताते हुए पर्रिकर ने कहा कि बातचीत बेहद स्पष्ट व सकारात्मक माहौल में हुई और दोनों पक्ष बातचीत को आगे ले जाने पर सहमत हैं।
उन्होंने कहा, “बेहतर संपर्क समय की मांग है। हम संपर्को को बढ़ाने व सीमा के बेहतर प्रबंधन के लिए सहमत हैं।”
पर्रिकर ने कहा कि सीमा विवाद का सबसे अच्छा समाधान नियंत्रण रेखा से संबंधित मुद्दों को सुलझाना है, क्योंकि सीमा के बारे में विभिन्न मतों के कारण ही उल्लंघन की समस्या सामने आती है।
उन्होंने कहा, “विभिन्न मतों के कारण ही तकनीकी उल्लंघन सामने आते हैं। हमें यह उल्लंघन लगता है, लेकिन उनकी (चीनी सैनिकों) नजर में यह गश्त होती है। वे आते हैं और चले जाते हैं।”
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की घटनाओं में कमी आई है।
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