आतंकवाद पर मोदी की चेतावनी, संयुक्त राष्ट्र ने किया अपना बचाव

संयुक्त राष्ट्र, 6 अप्रैल। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों चेतावनी दी थी आतंकवाद से निपटने में नाकाम रहने के कारण वैश्विक संस्था संयुक्त राष्ट्र के अप्रासंगिक हो जाने का खतरा है। इसके जवाब में इस संस्था का बचाव करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इस समस्या से निपटने के लिए यह वैश्विक संस्था जिम्मेदार रुख अपनाने जा रही है।

फोटोः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च, 2016 को बेल्जियम के ब्रेसेल्स में भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए।

बान के उप प्रवक्ता फरहान हक ने मंगलवार को कहा, “चाहे आतंकी बम विस्फोट हो या आतंक के लिए धन मुहैया कराने का मामला हो, संयुक्त राष्ट्र हर तरह से आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता को प्रोत्साहित करता है।”

आतंकवाद की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र की अप्रभावी प्रतिक्रिया को लेकर पिछले हफ्ते ब्रसेल्स में नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की थी। एक संवाददाता ने उसी से जुड़ा सवाल किया था, जिस पर हक ने कहा, “निश्चित तौर पर हमलोग आतंकवाद और दुनियाभर में फैले आतंकवाद की काली छाया से निपटने के लिए एक जिम्मेदार रुख अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।”

ब्रसेल्स में पिछले बुधवार को भारतीय मूल के लोगों से बातचीत के दौरान मोदी ने आतंकवाद को परिभाषित करने में भी संयुक्त राष्ट्र के नाकाम रहने पर उसका उपहास उड़ाया था। उन्होंने कहा था, “मैं नहीं जानता कि कब ऐसा होगा, लेकिन जिस तरह से स्थितियां बदल रही हैं, वह दिन दूर नहीं जब यह संगठन अप्रासंगिक हो जाएगा।”

हक ने हिंसक चरमपंथ पर रोक लगाने के लिए जेनेवा सम्मेलन का हवाला दिया। संयुक्त राष्ट्र स्विटजरलैंड की सरकार के सहयोग से गुरुवार और शुक्रवार को इस सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र महासचिव उसमें बोलने वाले हैं। खासकर पूरी दुनिया में फैले चरमपंथ से निपटने के लिए जो खास उपाय किए जाने वाले हैं, उसके बारे में वह बोलेंगे।”

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है, क्योंकि सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन के पास वीटो के इस्तेमाल का अधिकार है। पिछले ही हफ्ते चीन पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के बचाव में आ गया। अजहर पर ही पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमले की साजिश रचने का आरोप है। चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति की ओर से लगाए जाने वाली रोक नहीं लगने दी थी। ऐसा तब हुआ था जब इस कमेटी के अन्य सारे सदस्यों ने अजहर के खिलाफ प्रतिबंध का समर्थन किया था।

(आईएएनएस)